पटना:नगर-निगम (Municipal Corporation) के सफाईकर्मियों की हड़ताल (Cleaning Workers Strike) बुधवार को खत्म हो गई. लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह ने मौर्या लोक स्थित पटना नगर निगम के कार्यालय में हड़ताल समाप्ति की विधिवत घोषणा की. जिसके बाद से ही सफाईकर्मी अपने-अपने कार्यों में लग गए हैं. वहीं कर्मचारी रात भर सड़कों की सफाई करते हुए नजर आए.
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बता दें कि सफाईकर्मी अपनी मांगों को लेकर लगातार 8 दिनों तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे. बुधवार को 9वें दिन यूनियन के निर्देश के बाद हड़ताल समाप्त कर दिया गया. हड़ताल समाप्त करने के बाद सफाईकर्मी 'कचरा उठाओ कार्यक्रम' में जुट गए. पटना की सड़कों पर पिछले 8 दिनों जमा कूड़ा-कचरा तेजी से साफ किया जा रहा है.
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जेसीबी, टिपर, बॉब कैट और हाईवा जैसे मशीनों का प्रयोग कर कचरा उठाने का काम किया जा रहा है. सफाई कर्मी जिस जगह से कचरा उठा रहे हैं, उसके बाद उस जगह पर चूना और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया जा रहा है. जिससे कचरे से फैलने वाली बीमारी का रोकथाम किया जा सके.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूनियन ने हड़ताल समाप्ति का निर्देश दे दिया. दोपहर 2:00 बजे के बाद से ही सफाई कार्य में तेजी लाई गई है. हमलोगों को लक्ष्य दिया गया है कि रात भर में सभी कूड़ा-कचरा का उठाव कर लेना है. हमलोग रात 8:00 बजे तक 10 हाईवा कचरा उठवा चुके हैं. जिसके बाद चूना और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भीकिया जाएगा. 8 दिनों से कचरा नहीं उठने के कारण कचरा ढोने वाली 407 गाड़ियां भी भर जा रही हैं.-पंकज कुमार श्रीवास्तव, सुपरवाइजर
सुपरवाइजर पंकज ने बताया कि गांधी मैदान के पूरे इलाके में सफाईकर्मियों के माध्यम से झाड़ू लगवाने का कार्य कराया जा रहा है. जितने जगह से कचरा उठाया जा रहा है, उस जगह का फोटो भी खिंचा जा रहा है. जिसके बाद नगर-निगम के व्हाट्सएप ग्रुप में फॉरवर्ड कर रहे हैं. पटना नगर-निगम प्रशासन के माध्यम से गुरुवार की सुबह तक पूरे शहर का कचरा साफ करने का लक्ष्य रखा गया है.
हालांकि सफाई कार्य में जो सफाई कर्मी लगे हुए हैं, वे इस बात से जरूर नाराज हैं कि विगत 8 दिनों का सड़क पर फेंका हुआ कचरा उठा रहे हैं. वहीं निगम प्रशासन हड़ताल अवधि के 8 दिनों का पेमेंट काटने की बात कर रहा है. हालांकि निगम के यूनियन के नेता का कहना है कि इस दिशा में नगर निगम प्रशासन से उनकी बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि उनका पूरा प्रयास है कि हड़ताल अवधि का वेतन सफाईकर्मियों को दिया जाए. उन्हें पहले ही काफी कम पैसा मिलता है. अगर यह पैसा भी काट लिया जाएगा, तो उनके लिए पेट पालना मुश्किल हो जाएगा.