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केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयान पर विजय चौधरी ने कहा- 'भविष्य बनाएं, इतिहास नहीं बदलें'

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Union Education Minister Dharmendra Pradhan) के हालिया बयान पर एक बार फिर वार-पलटवार के दौर शुरू हो गया है. भारत के इतिहास को लेकर उनके द्वारा दिए गए बयान पर वित्त मंत्री एवं जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने पलटवार किया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Dec 29, 2022, 11:58 AM IST

पटना: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारत के इतिहास को बदलकर फिर से लिखने की बात कही थी, जिस पर वित्त मंत्री एवं जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी (JDU leader Vijay Kumar Chowdhary) का बयान सामने आया है उन्होंने इसे अनुचित एवं भ्रमित करने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि इतिहास की घटनाओं को बदला नहीं जा सकता है. घटनाओं की व्याख्या और निष्कर्ष कोई अपना निकाल सकता है, लेकिन उसे भी तथ्यों और विश्लेषण की कसौटी पर खड़ा उतरना पड़ता है. बिना प्रमाणिकता के कोई लेखन या सामग्री इतिहास नहीं बन सकती है.

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विजय चौधरी BJP पर जमकर वार: विजय चौधरी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार द्वारा समय-परीक्षित इतिहास को बदलने की बात जोर-शोर से कही जा रही है. पूर्व में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री भी इसी तरह के बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि दरअसल, इतिहास में कोई भूमिका नहीं होने के कारण भाजपा के लोग अब बेचैनी महसूस कर रहे हैं. देश गवाह है कि आजादी की लड़ाई में भी इन लोगों की कोई भूमिका नहीं थी, बल्कि जिन्ना की तर्ज पर ये भी कट्टरता एवं सांप्रदायिक भावनाओं को हवा दे रहे थे एवं अंग्रेजों की धुन पर नाच रहे थे. इन्हीं के द्वारा रचित दुर्भावना के सांप्रदायिक माहौल की परिणति गांधी की हत्या के रूप में हुई. प्रश्न है कि अब इतिहास को फिर से लिख देने से सच्चाई कैसे बदलेगी? जनादेश की अपेक्षा एवं सम्मान राष्ट्र का भविष्य बनाकर होता है, इतिहास बदल कर नहीं.

"इतिहास में कोई भूमिका नहीं होने के कारण भाजपा के लोग अब बेचैनी महसूस कर रहे हैं. देश गवाह है कि आजादी की लड़ाई में भी इन लोगों की कोई भूमिका नहीं थी, बल्कि जिन्ना की तर्ज पर ये भी कट्टरता एवं सांप्रदायिक भावनाओं को हवा दे रहे थे. अंग्रेजों की धुन पर नाच रहे थे. इन्हीं के द्वारा रचित दुर्भावना के सांप्रदायिक माहौल की परिणति गांधी की हत्या के रूप में हुई. प्रश्न है कि अब इतिहास को फिर से लिख देने से सच्चाई कैसे बदलेगी? जनादेश की अपेक्षा एवं सम्मान राष्ट्र का भविष्य बनाकर होता है, इतिहास बदल कर नहीं."-विजय चौधरी, JDU नेता

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