पटना: नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम (NMP) को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) पर जोरदार हमला बोला है. प्रवक्ता राजेश राठौड़ (Congress Spokesperson Rajesh Rathod) ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अपने पूर्वजों की संपत्ति को निकम्मा संतान ही बेचता है. हालांकि बीजेपी प्रवक्ता अखिलेश सिंह (BJP Spokesperson Akhilesh Singh) ने विपक्ष पर दुष्प्रचार (Propaganda) का आरोप लगाया है.
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बिहार कांग्रेस के राजेश राठौड़ ने कहा कि पूर्वजों की संपत्ति को कौन बेचता है, वही बेचता है जो निकम्मा संतान होता है. उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी से पूछना चाहता हूं कि आज केंद्र की सरकार जो सरकारी संपत्ति बेचने जा रही है, क्या वह 2014 के बाद मोदी सरकार ने कमाया है या आजादी के बाद 70 सालों की सरकारों ने कमाया है.
राजेश राठौड़ और अखिलेश सिंह के बयान राजेश राठौड़ ने कहा कि पहले जो लोग ये कहते थे कि कांग्रेस ने 70 साल में देश के लिए कुछ नहीं किया, आज वही लोग कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए रेलवे प्लेटफार्म और हवाई अड्डे को निजी क्षेत्रों को बेच रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि जो कहते थे हम देश नहीं बिकने देंगे, वो आज अंबानी-अडानी के हाथों रेल, हवाई जहाज और सड़क बेच रहे हैं. मोदी सरकार के इस निर्णय से देश की अस्मिता खतरे में है.
हालांकि बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है. प्रदेश प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा है कि कांग्रेस मौद्रीकरण योजना का दुष्प्रचार कर रहा है, जिस तरह कोविड टीकाकरण को लेकर कांग्रेस ने दुष्प्रचार किया था, आज वही काम फिर से किया जा रहा है.
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इस योजना (NMP) के तहत ऐसी संस्था को निजी हाथों में देने का काम केंद्र सरकार कर रही है, जो घाटे में चल रही है. उसमें भी स्वामित्व सरकार के हाथ में ही रहेगा. उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के नेता कुछ से कुछ बोल रहे हैं, जबकि महाराष्ट्र में मुम्बई-पुणे एक्सप्रेस वे को निजी हाथों में सौंपा गया है.
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आपको बताएं कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम की शुरुआत की है. इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे रूट, स्टेडियम, वेयरहाउस, पावर ग्रिड पाइपलाइन जैसी सरकारी बुनियादी ढांचा संपत्तियों को निजी क्षेत्र को कमाई के लिए लीज पर देकर केंद्र की मोदी सरकार करीब 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रही है.
वित्त मंत्री ने कहा कि इन एसेट का ओनरशिप सरकार के पास ही रहेगा, बस इन्हें कमाने के लिए ही पार्टियों को दिया जाएगा, जिसे वे कुछ साल के बाद वापस कर देंगे. हमारी नीति बेचने के बारे में नहीं है, सख्त वापसी होगी. हालांकि उनके इस तर्क के बावजूद विपक्ष लगातार सरकार की इस नीति की आलोचना कर रहा है. इससे पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी सवाल उठाते हुए कहा था कि आंगन बेचकर किसी तरह घर चलाना कौन सी काबिलियत है.