पटनाः2021 में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर भारत सरकार द्वारा जारी की जाने वाली रैंकिंग में सुधार को लेकर पटना नगर निगम लगातार प्रयास कर रहा है. कई महत्वपूर्ण कार्य भी किए जा रहे हैं. 2020 में स्वच्छता सर्वेक्षण की जो रिपोर्ट आई थी. उसमें पटना सबसे गंदा शहरों में शुमार हुआ था. जिसको लेकर नगर निगम की काफी किरकिरी हुई थी.
लेकिन अगले साल जो रैंकिंग जारी की जाएगी. उसमें पटना बेहतर कर सके इसके लिए 15 फरवरी 2021 में पटना नगर निगम भारत सरकार को सर्वे रिपोर्ट भेजेगा.
नगर आयुक्त का दावा है कि इस बार तो स्वच्छता की रैंकिंग में हम बेहतर तो नहीं कर सकते. लेकिन 2022 में जो भी रैंकिंग जारी की जाएगी उसमें टॉप 10 में पटना जरूर रहेगा. अगले साल जो रैंकिंग जारी की जाएगी उसमें पटना सिर्फ अंक में ही सुधार कर सकता है, क्योंकि हम जितनी भी योजना चला रहे हैं उन योजनाओं को पूरा होने में अभी 1 साल से अधिक समय लगेगा.
15 फरवरी को भेजी जाएगी स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट
पटना को स्वच्छ और सुंदर बनाने के साथ ही देश भर में इसकी रैंकिंग सुधारने के लिए ना सिर्फ शहर की सफाई व्यवस्था पर पटना नगर निगम फोकस कर रहा है. बल्कि कई जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है. अब पटना नगर निगम भारत सरकार को शहरों की स्वच्छता रिपोर्ट 15 फरवरी 2021 तक स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए रिपोर्ट भेजेगा.
नगर आयुक्त ने हिमांशु शर्मा ने बताया कि इस बार शहर की स्वच्छता बढ़ाने के लिए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत कई कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं. इस साल जो भारत सरकार द्वारा रैंकिंग जारी होगी. उसमें हमें मामूली बढ़त ही मिल सकेगा, लेकिन 2022 में जो भी स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट आएगी उसमें पटना टॉप 10 स्थान पा सकता है.
तीन हजार मार्क्स का होता है कम्पटीशनभारत सरकार द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण में जो अंक निर्धारित किया जाता है, उसके लिए भारत सरकार द्वारा जो टीम तैयार होती है. वह शहर के विभिन्न इलाकों में घूम कर रिपोर्ट तैयार करती है कि उन शहरों की वस्तु स्थिति क्या है शहर में रह रहे लोगों को वह सुविधा मिलती है या नहीं पेयजल की क्या व्यवस्था है. सार्वजनिक शौचालय से लेकर वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर निगम क्या कर रहा है. इन सभी बिंदुओं पर लोगों से फीडबैक लेता है. उसके बाद अंक निर्धारित कर उस शहर की रैंकिंग जारी होती है जिसको लेकर पटना नगर निगम के नगर आयुक्त का कहना है कि जो भी कंपटीशन में देशभर के शहर स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए भाग लेते हैं और भारत सरकार द्वारा अंक निर्धारित किया जाता है,
इस साल किए गए कई काम
बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण में लोगों को जागरूक करने के साथ कई तरह की योजना भी नगर निगम द्वारा चलाई जा रहा है. इन बिंदुओं पर नगर निगम ने इस साल फोकस किया है.
स्वच्छाग्रहीं कैंपेन- पटना नगर निगम के तरफ से पहली बार 2 अक्टूबर को नगर निगम के सफाई कर्मियों ने स्वाच्छाग्रही, कैंपेन चलाय, गांधी जी की वेशभूषा में घूमकर सफाई कर्मियों ने ना सिर्फ डोर टू डोर कचरा कलेक्ट किया बल्कि सड़कों की सफाई करते हुए लोगों से कूड़ा कचरा इधर-उधर नहीं फेंकने की अपील भी की.
रैप- नगर निगम की तरफ से मुख्यालय मौर्या लोक कैंपस में इसकी शुरुआत की गई इस अभियान के तहत लोगों को कूड़े को अच्छी तरह रेप करने गीला सूखा कचरा अलग करने के लिए गीत संगीत के माध्यम से मोटिवेट किया गया. रैप सॉन्ग के माध्यम से म्यूजिक बैंड ने शहर के विभिन्न जगहों पर लोगों को जागरूक भी किया.
गुडविल ब्रांड एंबेसडर- पटना नगर निगम के तरफ से पहली बार निगम के गुडविल ब्रांड एंबेसडर के रूप में बॉलीवुड अभिनेता संजय मिश्रा को शामिल किया गया संजय मिश्रा ने ना सिर्फ पटना वासियों को शहर को सुंदर स्वच्छ रखने के लिए जागरूक किया बल्कि खुद भी रेलवे स्टेशन, स्लम बस्ती आदि इलाकों में घूम कर सफाई के लिए सफाई कर्मियों के साथ घूमते नजर आए. लोगों को जागरूक भी करने की कोशिश की.
रंग दे बस्ती-इस कैंपेन के जरिए पटना नगर निगम के तरफ से शहर के सनम को कलरफुल किया जा रहा है. इसके लिए विशेष तौर पर सफाई की जा रही है और स्थानीय बच्चों से ही उनके घर के दीवारों को कलर करवाया जा रहा है. जिससे लोग दीवारों को गंदा न करें और इलाके में गंदगी से बचाया जाए.
वन ड्रीम पटना क्लीन- इस योजना के तहत नगर निगम के मेयर कमिश्नर और अन्य अधिकारी खुद ही मौर्या लोक की सफाई करते हुए नजर आए दुकान के बाहर जमा कूड़ा हो या फिर पान के दाग कमिश्नर उसे खुद छुड़ाते हुए नजर आए. लोगों को जागरूक करने के लिए मेयर सहित डिप्टी मेयर और अन्य वार्ड पार्षदों ने भी इस अभियान में भाग लिया लोगों को समझाने की कोशिश की कि दीवारों पर लोग न थूकें.
कंन्टेस्ट- स्वच्छता को लेकर पटना नगर निगम के तरफ से कई कांटेस्ट आयोजित किए गए. जिसमें लोगों ने भाग लिया जिंगल कॉन्टेस्ट शॉर्ट फिल्म मेकिंग और वालों पेंटिंग से लोगों को जागरूक किया गया.
बहरहाल अब देखने वाली बात होगी कि नगर निगम द्वारा जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं से इस साल जो भारत सरकार द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग जारी की जाएगी, उसमें अंक में कितना सुधार होता है.