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बिहार की छात्राएं होंगी आत्मनिर्भर, दी जा रही अचार और जैम बनाने की स्पेशल ट्रेनिंग

बिहार की छात्राएं आत्मनिर्भर हो इसके लिए खाद्य एवं पोषण बोर्ड महिला एवं विकास मंत्रालय प्रशिक्षण दे रहा है. इस प्रशिक्षण के तहत छात्राओं को फलों और सब्जियों से खाद्य पदार्थ बनाने की विधियां सिखाई जा रही हैं.

ट्रेनिंग लेती छात्राएं

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Published : Feb 27, 2019, 11:27 PM IST

पटना:राजधानी पटना के मगध महिला कॉलेज में इन दिनों छात्राएं फलों और सब्जियों से आचार और जैम बनाना सीख रही हैं. दरअसल, गृह विज्ञान विभाग में इन दिनों सब्जी परीक्षण एवं पोषण परीक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है. इसके तहत खाद्य एवं पोषण बोर्ड महिला एवं विकास मंत्रालय प्रशिक्षण दे रहा है.

कार्यशाला का उद्घाटन गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष अंजू श्रीवास्तव एवं खाद एवं पोषण बोर्ड की प्रभारी और अग्रवाल महिला की अध्यक्ष गीता जैन, कॉलेज की सहेली मेहता एवं रजनी पांडे ने किया. कार्यशाला के दौरान अंजू श्रीवास्तव ने कहा कि कॉलेज आने वाली छात्राएं किसी के घर की बेटी होती हैं. ऐसे में उन्हें गृह कार्य करने के साथ-साथ अन्य दायित्व का भी निर्वहन करना होता है.

ट्रेनिंग लेती छात्राएं

खाद्य पदार्थ की न हो बर्बादी
अंजू ने कहा कि छात्राओं को फल सब्जी या अन्य चीजों के बारे में विशेष जानकारी होनी चाहिए. कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य फल एवं सब्जी का परीक्षण कर उसे सही प्रकार से प्रयोग में लाने के बारे में बताना है. जिससे खाद्य पदार्थ की बर्बादी न हो. छात्राओं को कार्यशाला के दौरान न केवल फल एवं सब्जी के बारे में जानकारी देना है. बल्कि उन चीजों से अचार, हलवा और पकोड़ा बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

13 सौ करोड़ का होता है नुकसान
पांच दिवसीय कार्यशाला के दौरान छात्राओं के बीच पौष्टिक व्यंजन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा. बिहार अग्रवाल महिला की अध्यक्ष गीता जैन ने कहा कि प्रतिभागियों को जानकारी दी गई कि भारत में प्रतिवर्ष करीब 68 मिलीयन फल एवं 129 मिलीयन सब्जी उत्पादित होता है, जो विश्व में फल तथा सब्जी उत्पादन दूसरा है. इसमें से 59 मिलीयन फल एवं सब्जी प्रति वर्ष बर्बाद हो रहे हैं. जो करीब 13000 करोड रुपए का होता है. इसका मुख्य कारण फल एवं सब्जी उद्योग की कमी है

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