पटना में चैती छठ के बाजार में महंगाई कम पटना: बिहार की राजधानी पटना के बाजारों मेंचैती छठ महापर्वको लेकर सूप, दउरा, हथिया, मिट्टी का चूल्हा, दीया, ढकनी इत्यादि का बाजार सज कर पूरी तरह तैयार है. लोग जमकर चैती छठ के लिए खरीदारी (Shopping in Patna for Chaiti Chhath) कर रहे हैं. ग्राहक बता रहे हैं कि इस बार बाजार में महंगाई नजर नहीं आ रही, जबकि जो दुकानदार है उनका कहना है कि कार्तिक के छठ की तुलना में चैत्र छठ कम लोग करते हैं, इसलिए लोग कम आ रहे हैं. छठ में प्राकृतिक वस्तुओं का विशेष महत्व होता है. इसलिए मिट्टी के बर्तन और मिट्टी से बने वस्तुओं का महत्व बढ़ जाता है.
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छठ में मिट्टी की वस्तुओं का विशेष महत्वः छठ व्रती मिट्टी के चूल्हे पर हीं प्रसाद बनाती हैं. आज खरना है, ऐसे में छठ वती खरना का प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के बर्तनों को खरीदने के लिए पटना के बाजारों में उतरी. छठ व्रती देवी ने बताया कि वह छठ करती हैं और छठ में मिट्टी की वस्तुओं का विशेष महत्व होता है. मिट्टी के चूल्हे पर प्रसाद बनता है और बांस के कलसूप और दउरा में अर्घ्य का सामान सजाया जाता है. हथिया वह लोग खरीदते हैं जिनकी मन्नत रहती है या फिर घर में शादी विवाह संपन्न हुआ होता है. इसके अलावा कोसी के लिए नदियां, ढकनी इत्यादि की खरीदारी होती है. मिट्टी के दीए जलाकर छठी मैया की पूजा की जाती है. इसलिए इन सब तमाम वस्तुओं को खरीदने के लिए पहुंची हुई है.
इस बार छठ बाजार में महंगाई कमःछठ के लिए खरीदारी करने बाजार में पहुंचे मनोज ने बताया कि उनकी पत्नी छठ करती हैं और वह कार्तिक और चैत दोनों छठ करती हैं. जो सामान कार्तिक छठ में खरीदा जाता है वह सभी सामान चैत्र छठ में भी खरीदा जाता है. बाजार में इस बार महंगाई उन्हें नहीं दिख रही है और मिट्टी का चूल्हा 80 से ₹100 के भाव में मिल जा रहा है. कल सूप और दउरा भी उचित मूल्य में उपलब्ध है. छठ पर्व बहुत ही साफ-सफाई और शुद्धता का पर्व है और इसमें मिट्टी का सामान अधिक उपयोग होता है क्योंकि मिट्टी शुद्ध माना जाता है.
"मैं छठ करती हूं और छठ में मिट्टी की वस्तुओं का विशेष महत्व होता है. मिट्टी के चूल्हे पर प्रसाद बनता है और बांस के कलसूप और दउरा में अर्घ्य का सामान सजाया जाता है. हथिया वह लोग खरीदते हैं जिनकी मन्नत रहती है या फिर घर में शादी विवाह संपन्न हुआ होता है"-देवी, छठ व्रती
छठ बाजार में बिक रहा हाथी "मेरी पत्नी दोनों छठ करती हैं. जो सामान कार्तिक छठ में खरीदा जाता है वह सभी सामान चैत्र छठ में भी खरीदा जाता है. बाजार में इस बार महंगाई नहीं दिख रही है. मिट्टी का चूल्हा 80 से ₹100 के भाव में मिल जा रहा है. कल सूप और दउरा भी उचित मूल्य में उपलब्ध है"-मनोज, ग्राहक
सूप 50 तो दउरा 80 से 200 रुपये में: दुकानदार राजकुमार साह ने बताया कि दउरा ₹80 से लेकर ₹200 तक में उपलब्ध है. सूप ₹50 से लेकर ₹100 तक के रेंज में उपलब्ध है. मिट्टी का ढकना ₹10 से लेकर ₹35 तक में है. नदिया भी छोटे से बड़े साइज के अनुसार ₹30 से लेकर ₹60 तक के दाम में उपलब्ध है. हथिया की बात करें तो ₹350 से लेकर ₹600 तक के रेंज में उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि अभी दिन में काफी धूप है और चैत छठ कम लोग करते हैं इसलिए दिन के समय भीड़ कम है, लेकिन जैसे ही शाम ढलेगी, दुकानों पर लोगों की भीड़ दिखने शुरू होगी.
बाजार में मिट्टी का चूल्हा उचित मूल्य पर मिल रहे सभी सामानः यहीं पर कल सूप की खरीदारी करने पहुंचे नंदलाल ने बताया कि वह अर्घ्य के लिए सूप और दउरा खरीदने पहुंचे हैं और इस बार बाजार में उन्हें महंगाई नहीं दिख रही है. मिट्टी के चूल्हे हो या छठ पूजा में उपयोग होने वाले अन्य वस्तुएं सभी उचित मूल्य में मिल रहे हैं. वहीं अड़ता का पात, बधि, सुतनी, डांरा, लॉन्ग, कसैली की दुकान सजाए बैठे धर्मवीर ने बताया कि छठ पूजा में इसका बहुत महत्व है और अर्घ्य के लिए सजाए गए सूप में इन सब का होना जरूरी होता है. होमाद, सिंदूर, बिंदिया, पान का पत्ता इत्यादि भी वह रखे हुए हैं और छठ व्रती या जिनके घर छठ हो रहा है. वह लोग इसे खरीद भी रहे हैं.
"दउरा ₹80 से लेकर ₹200 तक में उपलब्ध है. सूप ₹50 से लेकर ₹100 तक के रेंज में उपलब्ध है. मिट्टी का ढकना ₹10 से लेकर ₹35 तक में है. नदिया भी छोटे से बड़े साइज के अनुसार ₹30 से लेकर ₹60 तक के दाम में उपलब्ध है. हथिया की बात करें तो ₹350 से लेकर ₹600 तक के रेंज में उपलब्ध है. अभी दिन में काफी धूप है और चैत छठ कम लोग करते हैं इसलिए दिन के समय भीड़ कम है, लेकिन जैसे ही शाम ढलेगी, दुकानों पर लोगों की भीड़ दिखने शुरू होगी"-राजकुमार साह, दुकानदार