पटना: 25 फरवरी का दिन बिहार की राजनीति के लिए अहम माना जा रहा है. दो गठबंधन की ओर से जोर आजमाइश की जा रही है. रैली के जरिए राजनीतिक दल एक दूसरे को ताकत का एहसास कराना चाहते हैं तो वोट बैंक की राजनीति को साधने के लिए कास्ट कार्ड खेले जाने की भी तैयारी है.
भाजपा के चाणक्य महागठबंधन को देंगे चुनौती: 25 फरवरी का दिन महागठबंधन और एनडीए के लिए अहम है. बिहार के अंदर दूसरी बार महागठबंधन ने आकार लिया है और रैली के जरिए पहली बार महागठबंधन नेता सीमांचल में हुंकार भरेंगे. 7 दलों के महागठबंधन के लिए पूर्णिया की रैली अग्निपरीक्षा जैसी होगी. महागठबंधन के सामने भीड़ तंत्र के जरिए अपनी ताकत का एहसास कराने की चुनौती होगी. सीमांचल में अमित शाह की रैली में जो भीड़ हुई थी, उस दिन से महागठबंधन के रैली की तुलना भी होगी.
BJP vs महागठबंधन:महागठबंधन ने रैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है. बिहार सरकार के तमाम मंत्री सीमांचल में कैंप किए हुए हैं. कैसे अधिक से अधिक भीड़ इकट्ठा हो, इसके लिए नेताओं को अलग-अलग क्षेत्रों में लगाया गया है. रैली के जरिए ही महागठबंधन नेता देशभर में अपनी ताकत का एहसास कराने की कोशिश करेंगे. भाजपा के लिए भी अमित शाह का दौरा महत्वपूर्ण है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नीतीश कुमार से अलग होने के बाद तीसरी बार बिहार आ रहे हैं.
अमित शाह का बिहार दौरा:अमित शाह का यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण है. केंद्रीय गृह मंत्री के समक्ष महागठबंधन नेताओं को भेदने की चुनौती होगी.अमित शाह पहले 12:00 बाल्मिकी नगर में सभा को संबोधित करेंगे और फिर उसके बाद लौरिया स्थित नंदनगढ़ स्तूप को देखने जाएंगे. लोकसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ कोर कमेटी की बैठक में भी गृह मंत्री हिस्सा लेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 3:15 बजे बाल्मीकि नगर से पटना के लिए प्रस्थान करेंगे और 4:00 बजे उनका पटना आगमन होगा.
बिहार की राजनीति में बड़े उल्टफेर : किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के जन्म जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अमित शाह हिस्सा लेंगे और किसानों को भी संबोधित करेंगे. राजधानी पटना से अमित शाह महागठबंधन नेताओं को सीमांचल की रैली को लेकर प्रतिवाद भी करेंगे.शाम 6:00 बजे गिरी मंत्री बापू सभागार से पटना सिटी स्थित गुरुद्वारा के लिए प्रस्थान करेंगे. गुरुद्वारा से लौटने के बाद अमित शाह कोर कमेटी की बैठक में हिस्सा लेंगे. अमित शाह की रैली से पूर्व ही बिहार में उलटफेर दिखने लगे हैं. एक ओर उपेंद्र कुशवाहा ने नई पार्टी का गठन कर लिया है तो दूसरी तरफ मुकेश सहनी को भी भाजपा अपने खेमे में लाने की तैयारी में है. मुकेश सहनी और चिराग पासवान की सुरक्षा में बढ़ोतरी की गई है तो जीतन राम मांझी ने भी सुर बदल दिए हैं.