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बजट पर बोले राजीव प्रताप रूडी- हासिल करेंगे 7.6 फीसदी GDP का लक्ष्य

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर रही हैं. बजट में राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को गति देने पर सरकार का जोर रह सकता है.

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Published : Jul 5, 2019, 10:24 AM IST

राजीव प्रताप रूडी

पटना/नई दिल्ली: सारण से बीजेपी के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने केंद्र सरकार के विकास कामों की जमकर तारीफ की. बजट में सकारात्मक उम्मीदों को लेकर उन्होंने कहा मोदी सरकार के विकासात्मक कामों की वजह से हमने जीडीपी 7.6 फीसदी रखने का लक्ष्य है और हमें उम्मीद है कि हम इसे हासिल करेंगे.

बीजेपी सांसद ने कहा कि एक साल का जो इकोनॉमिक सर्व है, वो उसी अनुपात में है, जो हमने पिछली बजट में लक्ष्य रखा था. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का जिस भी क्षेत्र में खास फोकस था, उसके परिणाम दिख रहे हैं.

राजीव प्रताप रूडी

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश कर रही हैं. बजट में राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के साथ आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन को गति देने पर सरकार का जोर रह सकता है.

क्या है उम्मीदें:

  • राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के लिये कर दायरा बढ़ाने और अनुपालन बेहतर करने के इरादे से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाने वालों पर 40 प्रतिशत की एक नई दर से कर लगाया जा सकता है. नौकरीपेशा लोगों के लिये महत्वपूर्ण आयकर के मोर्चे पर कर स्लैब में बदलाव की उम्मीद की जा रही है. 2019-20 के अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट देने की घोषणा की गयी थी.
  • फिलहाल 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 प्रतिशत, 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और 10 लाख रुपये से ऊपर आय पर कर की दर 30 प्रतिशत है.
  • यह बजट वैश्विक आर्थिक नरमी और मौसम विभाग के देश के कुछ भागों में बारिश सामान्य से कम रहने की आशंकाओं के बीच आ रहा है. पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 तक गिर गई. चालू वित्त वर्ष के दौरान इसे फिर से सात प्रतिशत से ऊपर पहुंचाने का दारोमदार बजट पर होगा.
  • संसद में बृहस्पतिवार को पेश 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि 2024-25 तक 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने के लिये सतत रूप से 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने की जरूरत होगी. इसमें निजी क्षेत्र का निवेश, मांग और निर्यात बढ़ाने पर खास जोर दिया गया है.

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