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लॉकडाउन इफेक्ट: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सीएम से लगाई ये गुहार

एसोसिएशन के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि वे अपनी वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए बैंको को निर्देशित करें कि वे उन विद्यालयों को न्यूनतम दो माह के वेतन के बराबर का ओवरड्राफ्ट दें, जिनका खाता संबंधित बैंकों में है.

पटना
सीएम से मांग

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Published : Apr 23, 2020, 3:35 PM IST

पटना: एसोसिएशन ऑफ इंडिपेंडेंट स्कूल्स के अध्यक्ष डॉ. सी बी सिंह ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे प्राइवेट स्कूलों के खाताधारी बैंकों को दो माह के वेतन के बराबर ब्याज रहित ओवरड्राफ्ट देने का निर्देश दें. डॉ सी बी सिंह ने बताया कि लगभग सभी विद्यालयों ने पैसे नहीं आने के बावजूद मार्च का वेतन तो दे दिया है, लेकिन उनके सामने अप्रैल का वेतन देने की विकट समस्या है.

शुल्क आने की गति बहुत ही धीमी है. ऐसे में ये सम्भव नहीं दिख रहा कि अप्रैल के वेतन के बराबर किसी एक भी स्कूल में फी जमा हो सके. ऐसे में हमें सरकार से मदद की दरकार है.

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन पदाधिकारी

मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
डॉ. सीबी सिंह ने कहा कि अनेक विद्यालयों ने अपने बैंकों से ओवरड्राफ्ट देने की बात की है. लेकिन बैंकों ने मना कर दिया है. ऐसी हालत में एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि इसी सत्र के दौरान दिसम्बर के पहले सभी विद्यालय पाई-पाई चुका देंगे.
एसोसिएशन के महामंत्री डॉ. राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि हम सरकार से राहत पैकेज की मांग के पक्षधर नहीं हैं. हमारे अभिभावक देर-सबेर फी चुकता करेंगे ही. हमारे अधिकांश अभिभावक सक्षम हैं. लेकन, लॉकडाउन के कारण वे फी देने में असमर्थ हो रहे हैं.

'5 लाख परिवार होंगे बुरी तरह प्रभावित'
विद्यालय ऐसी विषम स्थिति में अभिभावकों से फी वसूली के लिए बार-बार कहने के बजाय बैंक से ओवरड्राफ्ट लेने को तैयार है. उन्होंने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि यदि प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों और दूसरे कर्मचारियों के वेतन की व्यवस्था समय पर नहीं की जाती है, तो बिहार के लगभग 5 लाख परिवारों के सामने भुखमरी की समस्या आ सकती है.

बैंकों पर कार्रवाई की मांग
एसोसिएशन के दोनों अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि वे अपनी वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए बैंको को निर्देशित करें कि वे उन विद्यालयों को न्यूनतम दो माह के वेतन के बराबर का ओवरड्राफ्ट दें, जिनका खाता संबंधित बैंकों में हैं. उन बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जो इस आपत्ति काल में भी कानूनों का सहारा लेकर सहायता करने को तैयार नहीं हैं.

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