विकास योजनाओं की क्रेडिट लेने की मची होड़ पटना: बिहार में विकास के आयाम स्थापित हुए हैं. राज्य के अंदर सड़कें बनी हैं, इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में बिहार ने बेहतर किया है. विकास योजनाओं को लेकर राजनीतिक दलों के बीच क्रेडिट लेने की होड़ भी लग गई है. प्रतिस्पर्धा में भाजपा और जदयूआगे है.
पढ़ें-Mission 2024: UP की फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे नीतीश कुमार? BJP बोली- 'हार के डर से बिहार छोड़ रहे हैं CM'
विकास योजनाओं की क्रेडिट लेने की मची होड़:लोकसभा चुनाव नजदीक है और राजनीतिक दल विकास योजना को लेकर श्रेय लेना चाहते हैं. बिहार की सत्ताधारी दल जनता दल यूनाइटेड ने तो उद्घाटन और शिलान्यास के मौके पर शिलापट्ट में केंद्र और राज्य का अंश भी लिखवाना शुरू कर दिया है. जदयू के रणनीति से निपटने के लिए भाजपा ने भी तैयारी कर ली है.
जेडीयू-बीजेपी के बीच खींचतान:भाजपा केंद्र की उपलब्धियों को जन-जन तक ले जाना चाहती है. तमाम विभागों द्वारा किए गए कार्यों को भाजपा इकट्ठा कर चुकी है. विकास योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भाजपा ने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना भी शुरू कर दिया है. बिहार के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्यों को भी भाजपा नेता जन-जन तक पहुंचाने की तैयारी कर रहे हैं. बिहार को सवा लाख करोड़ का पैकेज दिया जा चुका है.
विकास की राह में आगे बढ़ रहा बिहार: बिहार में एक करोड़ 61 लाख शौचालय बनवाए गए. 8 करोड़ से ज्यादा लोगों को 5 किलो अनाज निशुल्क उपलब्ध कराया गया. बिहार के एक करोड़ 61 लाख परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए 38 लाख 71000 आवास स्वीकृत किए गए. इसपर कुल 29 हजार करोड़ खर्च किए गए हैं
केंद्र सरकार की ओर से बिहार को मदद:केंद्र सरकार की ओर से कोसी मोची लिंक परियोजना के लिए 4900 करोड़ रुपए को स्वीकृति दी है. इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया है. दरभंगा और भागलपुर में भारत सरकार के द्वारा टेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना की गई है. मेट्रो रेल परियोजना के तहत 13365 करोड़ की लागत से क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसमें केंद्र सरकार के द्वारा 1840 करोड़ की मदद की जा रही है. भारत सरकार ने जापान से 5520 करोड़ ऋण दिलाने में बिहार सरकार की मदद की है. नमामि गंगे के अंतर्गत 6433 करोड़ की लागत से 58 योजनाओं की स्वीकृति दी गई है.
बिहार के पांच पर्यटन योजनाओं को स्वीकृति: केंद्र की ओर से पर्यटन विभाग के द्वारा 272 करोड़ लेकर बिहार के पांच पर्यटन योजनाओं को स्वीकृति दी गई है. 8388 करोड़ की लागत से बिहार में बरौनी खाद कारखाना प्रारंभ किया गया. केंद्र सरकार के द्वारा बिहार के पूर्णिया, छपरा, समस्तीपुर, झंझारपुर सिवान, बक्सर, जमुई में कुल आठ मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति दी जा चुकी है. जिसपर 1089 करोड़ खर्च किए जाने हैं. पटना एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण के लिए केंद्र के द्वारा 1216 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.
नेताओं का क्या कहना है?: भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ शंभू ने कहा है कि केंद्र की योजनाओं का बदौलत बिहार ने तरक्की की है. वहीं जेडीयू ने केंद्र पर बिहार के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है. कुल मिलाकर क्रेडिट लेने की होड़ दोनों पार्टियों में मची है और एक-दूसरे पर हमला भी किया जा रहा है.
"बिहार में डबल इंजन सरकार थी और डबल इंजन सरकार ने बिहार को तरक्की की राह पर लाने का काम किया. सड़क पुल रोड और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में केंद्र के सहयोग से बिहार की तरक्की हुई है. सवा लाख करोड़ का पैकेज केंद्र की ओर से बिहार को दिया जा चुका है."- सिद्धार्थ शंभू, प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा
"केंद्र ने बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया है. बिहार को अब तक 50% ही राशि दी गई है. बिहार ने अपने बल पर विकास किया है. भाजपा के लोग झूठा क्रेडिट लेने की कोशिश कर रहे हैं."- मदन सहनी,समाज कल्याण मंत्री, बिहार