पटना: सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर साल रिपोर्ट कार्ड जारी करते थे. लेकिन, साल 2017 में महागठबंधन से अलग होने के बाद 2018 और 2019 में उन्होंने रिपोर्ट कार्ड जारी नहीं किया. साल 2020 में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है, लिहाजा विपक्ष इसको मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने में जुट गया है.
विपक्ष का कहना है कि सरकार के पास दिखाने के कुछ नहीं है. नीतीश कुमार ने कोई काम किया ही नहीं है तो वे दिखाएंगे क्या. उन्होंने समाज के हर वर्ग की अनदेखी की है. ऐसे में रिपोर्ट कार्ड जारी कर क्या करेंगे नीतीश कुमार. वहीं, सत्ता पक्ष के लोगों ने नीतीश कुमार का बचाव किया. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार का काम जमीन पर दिखता है. ऐसे में रिपोर्ट कार्ड जारी करने की जरूरत ही क्या है.
ईटीवी भारत संवाददाता अविनाश की रिपोर्ट काम किया ही नहीं तो दिखाएंगे क्या- आरजेडी
आरजेडी नेता मदन शर्मा ने कहा कि नीतीश कुमार साल 2005 से बिहार की सत्ता पर काबिज हैं. सत्ता संभालने के बाद से ही हर साल पूरे साल के कामकाज का लेखा-जोखा जनता के बीच रखते रहे हैं. लेकिन, जब से वे महागठबंधन से अलग होकर एनडीए से जुड़े हैं उन्होंने रिपोर्ट कार्ड साझा नहीं किया. ऐसे में साफ है कि नीतीश कुमार के पास दिखाने को कुछ नहीं है.
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जनता को अब रिपोर्ट कार्ड का इंतजार नहीं- जेडीयू
वहीं, जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि अब रिपोर्ट कार्ड जारी करने की जरूरत क्या है. नीतीश कुमार का काम जमीन पर दिखने लगा है. बिहार की जनता सड़कें देख रही है, घर-घर बिजली पहुंच गई है, नीतीश सरकार ने न्याय के साथ विकास का जो काम किया है जनता उसे जमीन पर उतरते देख रही है इसलिए जनता के मन में कोई संशय नहीं है. हालांकि, सीएम नीतीश की ओर से विपक्ष के इन सवालों का कोई जवाब नहीं आया है.
राजीव रंजन, जेडीयू प्रवक्ता