पटना:आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर अगले कुछ दिनों में सुनवाई होगी. फिलहाल उनकी खराब स्वास्थ्य कारणों की वजह से दिल्ली एम्स में इलाज जारी है. वहीं, लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उनकी रिहाई के लिए एक अभियान शुरू किया है. इसको लेकर बिहार में सियासत जारी है.
तेज प्रतताप यादव ने लालू प्रसाद यादव की रिहाई को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है. तेज प्रताप यादव ने राष्ट्रपति को पोस्टकार्ड भेजकर उन्हें रिहा करने की मांग की है. राष्ट्रपति से पोस्टकार्ड के जरिए अपील को लेकर आरजेडी की ओर से हजारों की संख्या में पोस्टकार्ड छपवाया गया है.
अधिवक्ता से खास बातचीत
लालू प्रसाद यादव की रिहाई को लेकर तेज प्रताप यादव के इस तरह से अपील करने पर पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता दिलीप सिंह से ईटीवी भारत के संवाददाता ने खास बातचीत की. दिलीप सिंह का कहना है कि राष्ट्रपति को संविधान में माफी देने के लिए कई तरह के अधिकार दिए गए हैं. लेकिन उन अधिकारों का प्रयोग राष्ट्रपति केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर ही कर सकते हैं. मतलब की अगर केंद्र सरकार किसी सजायाफ्ता को माफी देने की सिफारिश केंद्रीय मंत्रिमंडल की सलाह पर राष्ट्रपति को करती है तो राष्ट्रपति इस पर फैसला ले सकते हैं.
"किसी की रिहाई के लिए या फिर राष्ट्रपति से अपील करने का एक तरीका होता है. ये तरीका नहीं है कि आप उनको पोस्टकार्ड भेज दें या फिर एनवेलप भेज दें. उसका एक मर्सी पिटिशन बनता है, वो बजापता भेजा जाता है."- दिलीप सिंह, अधिवक्ता, पटना हाई कोर्ट
'मानवीय आधार पर लालू यादव हों रिहा'
हालांकि तेज प्रताप यादव के इस मुहिम को लेकर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि उन्हें मानवीय आधार पर रिहा कर देना चाहिए. इसके लिए अगर तेज प्रताप यादव के साथ बड़ी संख्या में लोग इस अभियान में शामिल हो रहे हैं तो किसी को क्या परेशानी हो सकती है.