पटना:बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव (Election on 24 seats of Bihar Legislative Council) होना है, उसकी तिथि की घोषणा भी हो गई है. महागठबंधन से अलग होकर कांग्रेस इस बार अकेले चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस ने कुछ उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी है. बावजूद इसके राष्ट्रीय जनता दल का कहना है कि जो हालात बिहार में है उसके मद्देनजर कांग्रेस को बिहार विधान परिषद का चुनाव नहीं लड़ना चाहिए.
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राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद (RJD spokesperson Ejaz Ahmed) कहते हैं कि पिछली बार उपचुनाव में कांग्रेस अकेले मैदान में उतर गई थी, लेकिन बिहार के कांग्रेस नेतृत्व ने जो फैसला लिया था निश्चित तौर पर अभी तक पार्टी आलाकमान उस फैसले को सही नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के जो प्रभारी हैं, उन्होंने भी कहा है कि राजद के साथ हमारा गठबंधन है.
''हम लोग मानते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को हम लोग बहुत पहले से साथ देते आए हैं. हाल में तेजस्वी यादव की मुलाकात राहुल गांधी से भी हुई है. बावजूद इसके बिहार कांग्रेस के नेता तरह-तरह के बयान दे रहे हैं, जो कि ठीक नहीं है. बिहार में विपक्ष एकजुटता को दिखाने के लिए कांग्रेस को कहीं न कहीं विधान परिषद चुनाव में अकेले मैदान में नहीं उतरना चाहिए, यही राष्ट्रीय जनता दल की राय है.''-एजाज अहमद, प्रवक्ता, राजद
''कांग्रेस शुरू से ही राजद की पिछलग्गू रही है. कांग्रेस के नेता भले ही नामों की घोषणा कर दें. अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारने की बात करें, लेकिन सच्चाई यही है कि बिहार में कांग्रेस का कोई जनाधार नहीं है. लोग कांग्रेस के बारे में अच्छी तरीके से जानते हैं कि राष्ट्रीय जनता दल के बिना एक कदम नहीं चल पाती है. अपनी इज्जत बचाने के लिए बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष उम्मीदवारों को मैदान में खड़ा कर रहे हैं.''-विनोद कुमार शर्मा, प्रवक्ता, बीजेपी
वहीं, कांग्रेस को अकेले मैदान में (Bihar MLC Election) उतरने को लेकर लोजपा प्रवक्ता चंदन सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और साफ साफ कहा है कि बिहार में कांग्रेस का कहीं जनाधार नहीं है और जिस तरह से पंजाब के मुख्यमंत्री ने बिहारियों को लेकर टिप्पणी की है, जिस तरह से तमिलनाडु के कांग्रेस अध्यक्ष ने बिहारियों की डीएनए को लेकर कई तरह की बातें कही है. बिहार के लोग कांग्रेस की सच्चाई को समझ चुके हैं और कभी भी कांग्रेस को बिहार के लोग कबूल नहीं कर सकते हैं. अभी फिलहाल चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कांग्रेस पार्टी कर रही है, लेकिन हमें नहीं लगता है कि कांग्रेस पार्टी को इससे कोई फायदा होगा.
''राष्ट्रीय जनता दल धीरे-धीरे कांग्रेस से अपने रिश्तों को सुधारने में लगा हुआ है. उसका प्रमाण साफ दिख रहा है. हाल में तेजस्वी और राहुल मिले वहां अच्छी खासी दोस्ती देखी गई. लेकिन, बिहार में देखिए क्या कुछ हो रहा है. कांग्रेस अकेले भी बिहार विधान परिषद के चुनाव में अगर मैदान में उतर जाती है तो उसे कोई फायदा होने वाला नहीं है.''- चंदन सिंह, प्रवक्ता, लोजपा
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