बिहार पुलिस एसोशिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह से ईटीवी भारत की बातचीत पटना:बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) के उस आदेश का बिहार पुलिस एसोसिएशन ने स्वागत किया है, जिसमें पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गजट के अनावश्यक इस्तेमाल पर रोक लगा दी गयी है. हालांकि, पुलिसकर्मियों के बीच अभी भी ऊहापोह की स्थिति है कि आवश्यक या अनावश्यक इस्तेमाल को कैसे निर्धारित किया जाएगा. इस मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने बिहार पुलिस एसोशिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह से बातचीत की.
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बैन को आवश्यक/अनावश्यक श्रेणी में बांटा गया: पुलिस मुख्यालय से जो चिठ्ठी बिहार पुलिस एसोसिएशन को भेजी गयी है. उसमें तो बहुत कुछ साफ नहीं है, लेकिन जो बताया और समझाया गया है. उसमें यह कहा गया है कि ड्यूटी के दौरान अनावश्यक रूप से मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक गजट का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. लेकिन आवश्यक कार्य में इस्तेमाल की छूट रहेगी.
पुलिस मुख्यालय से आदेश जारी: बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह की माने तो ड्यूटी के दौरान कोई भी पुलिसकर्मी फेसबुक, यूट्यूब और सोशल साइट नहीं देखेंगें. साथ ही ड्यूटी के दौरान मोबाइल पर गेम खेलना भी प्रतिबंधित है. वहीं, वर्दी में रिल्स बनाने और हथियार के साथ सोशल मीडिया पर फोटो डालने को भी मना किया गया है. अगर कोई पुलिसकर्मी ऐसा करता है तो उसपर कार्रवाई की जाएगी. इसको लेकर पुलिस मुख्यालय की ओर से आदेश जारी किया गया है.
"मुख्यालय का आदेश सही है. क्योंकि इससे काम पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है. लेकिन यदि पब्लिक के हित के लिए काम कर रहें है. अगर किसी पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई हुई तो एसोसिएशन आवाज उठाएगा."- मृत्युंजय कुमार सिंह, अध्यक्ष, बिहार पुलिस एसोशिएशन
किन प्राइवेट कार्यों में मोबाइल इस्तेमाल की छूट होगी:आदेश पत्र में तो इस बात का उल्लेख नहीं है लेकिन बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष होने के नाते मृत्युंजय सिंह को जो बताया गया है. उसमें घर-परिवार, बीमारी और व्यक्तिगत इमरजेंसी के मामलों में फोन इस्तेमाल करने की छूट होगी. ऐसा करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का हवाला दिया गया है.
आदेश आने के बाद कन्फ्यूजन में पुलिस कर्मी: बिहार पुलिस हाईटेक होने का दावा कर रही है. पुलिस का अपना साईट, फेसबुक, यूट्यूब, इस्ट्रांग्राम, व्हाटएप्प ग्रुप सहित तमाम सोशल मिडिया प्लेटफार्म बनाकर ज्यादा से ज्यादा सूचना शेयर करने दावा कर रही है. थानों को मेल के जरीये शिकायत लेने का भी निर्देश है. वहीं, दूसरी तरफ मोबाईल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गजट के इस्तेमाल पर रोक लगाकर पुलिसकर्मियों को कंफ्यूज तो जरूर कर दी है. तमाम पुलिसकर्मी इस संशय की स्थिति में जीने को मजबूर हैं कि उनका मोबाइल इस्तेमाल कही अनावश्यक कार्य की श्रेणी में न आ जाए.