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आनंद किशोर की नियुक्ति समेत अन्य याचिकाओं पर HC ने सुनाया फैसला

पटना हाईकोर्ट ने कई मामलों में सुनवाई के बाद अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने परीक्षा समिति के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है. साथ ही घुड़दौड़ रोड में अवरोध उत्पन्न करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

पटना हाईकोर्ट (फाइल फोटो)
पटना हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

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Published : Jan 7, 2020, 9:37 AM IST

पटना:पटना हाईकोर्ट ने बीते सोमवार को कई मामलों में सुनवाई की. पहले मामले में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर के नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. पटना हाई कोर्ट ने परीक्षा समिति के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है.

चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने प्रकाश राय की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार से भी इस मामले में जवाब तलब किया गया है. कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने 15 सितम्बर 2018 को आनंद किशोर को भूतलक्षी प्रभाव से (25 सितंबर, 2017) से नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की थी.

आनंद किशोर, बीएसईबी अध्यक्ष

अगली सुनवाई 10 फरवरी को
बता दें कि आनंद किशोर 8 जून 2016 से अध्यक्ष पद पर काम कर रहे थे. राज्य सरकार ने परीक्षा समिति के अध्यक्ष पद पर बहाली के लिए विज्ञापन तक प्रकाशित नहीं किया. इस मामले पर अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी.

सड़कों पर अतिक्रमण

अतिक्रमण करने वालों पर कोर्ट सख्त
वहीं, पटना के राजीवनगर के घुड़दौड़ रोड में अवरोध उत्पन्न करने वालों के खिलाफ भी पटना हाई कोर्ट ने सम्बंधित अधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि अधिकारी ऐसे अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई नहीं करेंगे, तो कोर्ट उनपर कार्रवाई करेगा. मामले पर अगली सुनवाई 3 महीने बाद की जाएगी.

दृष्टिहीन छात्रों के मामले में सुनवाई
तीसरे मामले में पटना हाई कोर्ट ने दृष्टिहीन छात्रों की शिक्षा के लिए सुनवाई की. दरअसल, राज्य के मुख्य सचिव से तीन सप्ताह में हलफनामा दायर कर कार्रवाईयों का ब्यौरा तलब किया. राज कुमार रंजन की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की.

दृष्टिहीन छात्रों के लिए शिक्षा की व्यवस्था

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भोजपुर के दृष्टिहीन स्कूलों के विकास हेतु दायर याचिका
बता दें कि भोजपुर जिले के आरा के जगदीशपुर प्रखंड में स्थित दृष्टिहीनों के स्कूल के विकास के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी. इस स्कूल के 40 छात्रों को किराये के एक कमरे में पढ़ाया जा रहा है, जबकि स्कूल के लिए अलग जमीन मिल गई है. कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे पूरे राज्य के सन्दर्भ में इस जनहित याचिका का विस्तरित कर दिया. 3 सप्ताह बाद इस मामले पर सुनवाई की जायेगी.

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