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CM नीतीश की बैठक के बाद हरकत में आए पटना DM, नाला उड़ाही को लेकर बुडको के अधिकारियों को लगाई फटकार

पिछले साल सितंबर महीने के अंत में हुए बारिश के बाद पटना में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी. राजधानी पटना की कई वीआईपी कॉलोनियों में 6 फीट तक पानी भर गया था. पटना जलजमाव के कारण नीतीश सरकार की पूरे देश में किरकिरी हुई थी.

पटना
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Published : Jun 15, 2020, 5:39 AM IST

पटना: मौसम विभाग ने 20 जून से बिहार में तेज बारिश की संभावना जताई है. मानसून आने के बाद राजधानी में जालजमाव नहीं हो इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को नगर विकास विभाग के अधिकारीयों के साथ एक बैठक की थी. सीएम की बैठक के बाद पटना डीएम हरकत में आए और रविवार को नाला उड़ाही से लेकर संप हाउस तक का निरीक्षण किया. मौके पर उन्होंने निगम के अधिकारीयों का कई अहम निर्देश दिए. वहीं, संप हाउस मरम्मती का कार्य धीमी होने को लेकर उन्होंने बुडको के अधिकारियों को कड़ी फटकार भी लगाई.

सैदपुर नाला और संप हाउस का निरीक्षण
शनिवार को सीएम नीतीश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शनिवार को बाढ़ की पूर्व तैयारियों की समीक्षा की. बैठक में उन्होंने प्रमंडलीय आयुक्तों को कहा कि बाढ़ प्रभावितों के लिए आपदा राहत केंद्र बनाए जाने की सभी तैयारियां जल्द से जल्द पूरी कर लें. साथ ही उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए आपदा राहत केंद्रों पर बाढ़ प्रभावित को रखने में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाए. सीएम के निर्देश के बाद पटना डीएम कुमार रवि और नगर आयुक्त हिमांशु कुमारखुद से सैदपुर नाला का निरीक्षण किया. मौके पर उन्होंने नाला उड़ाही कार्य और संप हाउस की मरम्मती का कार्य धीमी होने को लेकर बुडको और निगम पदाधिकारियों को जमकर फटकार लगाई.

'10 दिनों में नाला उड़ाही कार्य हो पूरा'
डीएम कुमार रवि ने कहा कि बिहार में मानसून आने वाला है. जलजमाव को लेकर शनिवार को सीएम नीतीश ने बैठक की थी. उन्होनें कहा कि सीएम के निर्देशानुसार बाढ़ पूर्व तैयारियों को किया जा रहा है. नाला उड़ाही समेत साफ-सफाई को लेकर जायजा लिया गयाय निगम और बुडको के अधिकारियों तको 10 दिनों में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पटना के सभी इलाके में था जलप्रलय
पिछले साल सितंबर महीने के अंत में हुए बारिश के बाद पटना में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी. राजधानी पटना की कई वीआईपी कॉलोनियों में 6 फीट तक पानी भर गया था. पटना जलजमाव के कारण नीतीश सरकार की पूरे देश में किरकिरी हुई थी. हालात ऐसे हो गए थे कि राहत और बचाव के सरकारी और गैर सरकारी प्रयास भी जलजमाव पीड़ितों के लिए काफी कम पड़ गए थे. उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी पटना बाढ़ के प्रकोप से नहीं बच पाए थे. मदद की गुहार लगाने के बाद एनडीआरएफ की टीम ने उनके आवास पर पहुंच कर सुशील मोदी समेत उनके परिवार को पानी से बाहर निकाला था.

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राज्य सरकार की ओर से संभावित 7 बाढ़ग्रस्त जिले
बता दें कि बिहार सरकार ने बाढ़ से संभावित 7 जिले को पहले फेज के लिए चयनित किया है. जिनमें कटिहार, बेतिया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गोपालगंज, सुपौल और पटना हैं. बिहटा स्थित 9वीं बटालियन एनडीआरएफ कमांडेंट विजय कुमार सिन्हा का कहना है कि 6 जिलों में एक-एक एनडीआरएफ टीम की तैनाती को जाएगी. इसके अलावा राजधानी पटना में दो टीमें तैनात की जाएगी. इसके अलावे बिहार के 3 और जिले को भी बाढ़ संभावित जिले की सूची में रखा गया है. जिनमें सहरसा, अररिया और किशनगंज हैं. इन 3 जिलों के लिए मुख्यालय से आदेश मिलने के बाद टीमें तैयार की जाएगी.

कुमार रवि, पटना डीएम

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