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'अपना खाता तक न खोल पाने पर उपेंद्र कुशवाहा और पप्पू यादव को विचार करने की जरुरत'

चुनाव के बाद पार्टियों के बीच मंथन अब भी चल रहा है. राजनीतिक पंडित अपने चश्में से पार्टियों की स्थिति भांप रहे हैं. ऐसे में जाप अध्यक्ष पप्पू यादव और आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के प्रदर्शन को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों की राय सामने आ रही है.

Patna
उपेंद्र कुशवाहा और पप्पू यादव

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Published : Nov 20, 2020, 3:26 PM IST

पटना:राजनीतिक विशेषज्ञ अजय झा ने पप्पू यादव और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को लेकर बयान दिया है. अजय झा ने कहा कि पप्पू यादव और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी का कोई बेस वोट बैंक नहीं है. उपेंद्र कुशवाहा और पप्पू यादव का वोट बैंक अपना नहीं है.

बिहार में उपेंद्र कुशवाहा और पप्पू यादव का वोट बैंक
राजनीतिक विशेषज्ञ अजय झा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा दावा करते रहे कि कुशवाहा वोट उनके साथ है लेकिन कुशवाहा वोट बैंक उनके साथ कभी दिखा ही नहीं. वहीं पप्पू यादव के साथ यादव वोट बैंक कुछ इलाकों में जरूर दिखा लेकिन इस बार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने को लेकर यादव वोट अधिकांश महागठबंधन को ही गए.

अजय झा राजनीतिक विशेषज्ञ

15 से अधिक सीटों पर असर जरूर डाला
अजय झा ने कहा उपेंद्र कुशवाहा का गठबंधन और पप्पू यादव का गठबंधन खुद कोई बड़ी कामयाबी तो नहीं हासिल कर सका लेकिन कई सीटों पर असर जरूर डाला है. ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने मिथिलांचल से लेकर कोसी और सीमांचल तक एमवाई समीकरण पर जबरदस्त असर डाला. उपेंद्र कुशवाहा का गठबंधन 15 से अधिक सीटों पर जीत हार के समीकरण को बिगाड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. शाहाबाद, भोजपुर में भी कई सीटों पर उपेंद्र कुशवाहा के गठबंधन ने असर डाला है.

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