बाबा पंडोखर सरकार से ईटीवी भारत की बातचीत पटनाः बाबा धीरेंद्र शास्त्री के बाद अब प्रसिद्ध पंडोखर सरकार धाम से आए बाबा गुरु शरण शर्मा पटना में 3 दिनों तक दरबार लगाएंगे और इस दरबार में लोगों के नाम की पर्ची निकालेंगे. वो तीनों दिन निशुल्क लोगों से मिलेंगे. पटना के बापू सभागार में 8, 9 और 10 अगस्त को दरबार लगने वाला है. हर रोज 5000 लोगों की एंट्री होगी. दोपहर 2:30 से यह दरबार बापू सभागार में लगाया जाएगा. ईटीवी भारत ने पंडोखर सरकार से खास बातचीत की.
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'धर्म और राष्ट्रहित में काम कर रहे हैं': पंडोखर सरकार ने बताया कि मध्य प्रदेश के दतिया जिले से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर पंडोखर ग्राम है. जहां हनुमान जी की विशाल मंदिर है. यह पांडवों द्वारा स्थापित की गई थी इस लिए पंडोखर सरकार कहते हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्र हित में और धर्म प्रचार के लिए वह काम कर रहे हैं और लोग इसी रूप में उन्हें जानते हैं.
99 फ़ीसदी सही पर्ची बनाते हैं बाबा पंडोखरःपंडोखर सरकार ने बताया कि उन्हें बजरंगबली की तरफ से प्रेरणा मिलती है और बजरंगबली से जो प्रेरणा मिलती है उसी के अनुसार लोगों का भविष्य और वर्तमान बताते हैं. जो भी बात हम बताते हैं वह सटीक 99 फ़ीसदी होती है. 100 फ़ीसदी इसलिए नहीं कहते हैं कि मैं ईश्वर नहीं हूं. पंडोखर सरकार से जब पूछा गया कि यह प्रेरणा कहां से मिलती है, वह कौन सी शक्ति है, जिससे बिना मिले लोगों की पर्ची बना देते हैं. तो उन्होंने बताया कि यह जो भी प्रेरणा है यह भगवत प्रेरणा है और भगवान की कृपा से यह सदियों से चली आ रही है.
"पंडोखर सरकार की तरफ से, बजरंगबली की तरफ से जो भी मुझे प्राप्त हुआ है उसी का मैं प्रयोग करता हूं, जो भी व्यक्ति सामने आता है और या फिर जिस व्यक्ति को मैं महसूस करता हूं उसके बारे में यह स्वयं पता चल जाता है कि उस व्यक्ति की क्या समस्या है और उसका समाधान क्या होगा और जो मैं लिखता हूं पर्ची पर, समय आने पर सही हो जाता है"-बाबा गुरु शरण शर्मा, पंडोखर सरकार धाम
'ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल रहा है समाधान':पंडोखर सरकार के गुरु शरण शर्मा जब पूछा गया कि मध्यप्रदेश में इन दिनों पर्ची निकालने वालों की बाढ़ आ गईं, 500 से ज्यादा ऐसे बाबा हो गए हैं जो इस तरह की पर्ची बना रहे हैं. आखिर वह क्या दिशा देना चाहते हैं? तो पंडोखर सरकार ने कहा कि भारत भूमि सनातन भूमि है, यह ऋषि प्रधान देश है, यज्ञ की भूमि है योग की भूमि है और साधना करना कोई बुरी बात नहीं है. जितने लोग पर्ची बना रहे हैं उसमें कोई एतराज नहीं है. इस से अच्छा है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को समाधान मिल रहा है. इससे लोगों को मार्गदर्शन मिलता है.
जो पर्ची बनाने वाले हैं वो अंधविश्वास ना फैलाएं: गुरु शरण शर्मा ने कहा कि इससे लोगों का भटकाव नहीं होगा. वो इस बात का विरोध करता हैं कि लोग अंधविश्वास में ना फंसे और जो यह कर रहे हैं वह अंधविश्वास को बढ़ावा ना दें. इससे जिससे कि सनातन धर्म को नीचा देखें. सनातन को बदनाम होना पड़े. जो भी पर्ची निकाल रहे हैं वह अपने साधना से निकाले. योग से निकाले. सटीक निकाले. जिसे कोई काट ना सके. पर्ची निकालने वाले कोई भी ऐसा काम ना करें जिससे सनातन धर्म को, साधु-संतों को नीचा देखना पड़े.
राष्ट्रहित वाले दल को समर्थन करना चाहिए:पंडोखर सरकार से जब यह पूछा गया कि अलग-अलग धर्म गुरु या फिर बाबा अलग-अलग राजनीतिक दलों को समर्थन करते हैं, ये कितना सही है? उन्होंने कहा कि गुरु लोगों को जहां सम्मान मिलता है उसकी बजाते हैं. उसके लिए चिंतित रहते है. जिस राजनीतिक दल के लोग किसी गुरु के पास जाते हैं और वह उनको सम्मान देते हैं तो गुरु उनके के लिए सब कुछ लगा देते हैं.
"गुरुओं को तो बिगड़े हुए लोगों को बनाना चाहिए और गलत व्यक्तियों पर अनुशासन में लाना चाहिए. गुरु का काम चाटुकारिता करना नहीं है. किसी एक के पक्ष में बोलना नहीं है. सत्य के लिए बोलना चाहिए. किसी से दल के लिए बोलना पड़े तो जो राष्ट्र हित में है, कोई गलत बात नहीं है. सत्य पार्टी को, अच्छे व्यक्ति को, अच्छे नेता को, यदि आगे बढ़ाना है तो उनके लिए काम करना चाहिए"- बाबा गुरु शरण शर्मा, पंडोखर सरकार धाम
'धीरेन्द्र शास्त्री को नहीं देखा पर्ची बनाते':जब उनसे पूछा गया कि बागेश्वर धाम वाले धीरेन्द्र शास्त्री का काफी नाम हुआ है. यहां आए, यहां उन्होंने दरबार लगाया, आप काफी समय के बाद आए हैं. तो पंडोखर सरकार ने कहा कि जिनका आप नाम ले रहे हैं उनका जन्म ही नहीं हुआ तब से हम पर्ची निकाल रहे हैं. उनके घर परिवार में कोई पर्चा पर्ची नहीं बनाता था तब से मैं पर्ची लिख रहा हूं. मैं कोई व्यक्तिगत टारगेट कर रहा हूं ना किसी पर आरोप लगा रहा हूं. जो भी यह कर रहे हैं वह अपनी विद्या को, अपनी शक्ति को संभाल कर रखें और राष्ट्रहित में लगाएं. उन्होंने बताया कि मैंने पर्चा बनाते हुए उन्हें टीवी पर देखा है लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैं नहीं जानता हूं कि वो क्या बनाते हैं.