पटना:लखीमपुर खीरी की घटना (Lakhimpur Kheri Incident) के विरोध में नक्सली संगठन (Naxalite Organization) सीपीआई माओवादी ने आज उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तरी छत्तीसगढ़ में बंद का एलान किया है.
यह भी पढ़ें-चुनाव के दौरान कभी यहां गरजती थी नक्सलियों की बंदूकें, अब बदल गया है माहौल
नक्सलियों के बंद के ऐलान को देखते हुए बिहार के नक्सल प्रभावित जिलों (औरंगाबाद, गया, मुंगेर, जमुई, कैमूर, नवादा, लखीसराय, बांका, रोहतास और पश्चिम चंपारण) में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नक्सलियों का बंद 16 अक्टूबर की रात 12 बजे से ही शुरू है. हालांकि बंद से अति आवश्यक सेवाओं (दूध, पानी, दवा, एंबुलेंस व अग्निशमन) को मुक्त रखा गया है.
पुलिस और सुरक्षा बल के जवान अलर्ट हैं. रेल पुलिस ने भी नक्सल प्रभावित इलाकों के रेलखंडों की निगरानी बढ़ा दी है. इसके पूर्व नक्सलियों द्वारा बुलाये गये बंद के दौरान अक्सर रेल पटरियों को निशाना बनाये जाने की कई घटनाएं हुई हैं. नक्सली संगठन ने बिहार में चल रहे पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की भी अपील की है. गया जिले के डुमरिया में बंद को लेकर पोस्टर चिपकाया गया है. चार दिन पहले भी भाकपा माओवादी की ओर से पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने का पोस्टर चस्पा किया गया था.
बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उसने 3 अक्टूबर को उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर थार गाड़ी चला दी, जिसमें 4 किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी. इसके बाद हिंसा में दो बीजेपी कार्यकर्ता और एक ड्राइवर भी मारे गए थे. एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है.
एसआईटी ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के अलावा लवकुश और आशीष पाण्डेय को सात अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. चौथे आरोपी शेखर भारती को 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. मामले में सह आरोपित अंकित दास ने 13 अक्टूबर को एसआईटी के सामने आत्मसमर्पण किया था.
यह भी पढ़ें-तेजप्रताप का 'हाथ' कांग्रेस कैंडिडेट के साथ, कुशेश्वरस्थान में RJD के खिलाफ करेंगे चुनाव प्रचार