बिहार

bihar

ETV Bharat / state

जेल से जनता के नाम लालू का खत

लालू ने पत्र साझा करते हुए लिखा कि 44 वर्षों में ये पहला चुनाव है, जिसमें आपके बीच नहीं हूं. चुनावी उत्सव में आप सबों के दर्शन नहीं होने का अफसोस है.

By

Published : Apr 10, 2019, 7:41 PM IST

लालू यादव का पत्र

पटना: सुप्रीम कोर्ट ने लालू की जमानत याचिका खारिज कर दी है. दूसरी तरफ पहले चरण के मतदान के ठीक 1 दिन पहले लालू का एक पत्र सोशल मीडिया पर जारी किया है. इस पत्र को ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि 44 वर्षों में पहला चुनाव है, जिसमें आपके बीच नहीं हूं. चुनावी उत्सव में आप सबों के दर्शन नहीं होने का अफसोस है.

जानकारी देते संवाददाता.

लालू ने कहा कि आपकी कमी खली रही है इसलिए जेल से ही आप सभी के नाम पत्र लिखा है. आशा है आप इसे पढ़ियेगा एवं लोकतंत्र और संविधान को बचाइयेगा. जय हिंद, जय भारत.

ये रहा पत्र

लालू का खत, पार्ट-1
'इस वक्त जब बिहार एक नई गाथा लिखने जा रहा है. लोकतंत्र का उत्सव चल रहा है. यहां रांची के अस्पताल में अकेले बैठकर मैं सोच रहा हूं कि क्या विध्वंसकारी शक्तियां मुझे इस तरह कैद कराके बिहार में पिर किसी षड्यंत्र की पठकथा लिखने में सफल हो पाएंगी.मेरे रहते बिहारवासियों के सात मैं फिर से धोखा नहीं होने दूंगा. मैं कैद में हूं मेरे विचार वहीं. अपने विचारों को आपसे साझा कर रहा हूं, क्योंकि एक दूसरे से विचारों को साझा करके ही हम इन बांटने वाली ताकतो से लड़ सकते हैं.'

सबकुछ दांव पर...
लालू ने लिखा कि 'इस बार चुनाव में सबकुछ दांव पर है. इस बार का चुनाव पहले जैसा नहीं है. देश, समाज, लालू यानी आपका बराबरी से सिर उठाकर चलने का जज्बा देने वाला और आपके हक और इज्जत और गरिमा सब दांव पर है. लड़ाई आर-पार की है. मेरे गले में सरकार और चालबाजों का फंदा फंसा हुआ है. उम्र के साथ शरीर साथ नहीं दे रहा पर आन और आबरू की लड़ाई में लालू की ललकार हमेशा रहेगी.

लालू का खत, पार्ट-2

‘बीमारी और कानून का फंदा लालू की हिम्मत नहीं तोड़ पा रहे’

लालू का खत, पार्ट-3
लालू यादव ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा- 'ये सरकार नौटंकी सरकार है. कभी देश में खतरा, कभी हिंदू खतरे में, कभी अर्थव्यवस्था खतरे में, के नाम पर लोगों को गुलाम बनाकर रखना चाहता है.

आप दलित बहुजन को कहा जाता है कि कुछ सोचो समझो मत, सिर्फ गुलाम की तरह हमारा हुकुम बजाओ. आप क्या खाइएगा, क्या पहनिएगा, ई दोस्त है, ई दुष्ट है, सब साहब तय करेंगे.'

ABOUT THE AUTHOR

...view details