जीतनराम मांझी की उपेंद्र कुशवाहा पर प्रतिक्रिया पटनाः बिहार की राजधानी पटना में बयानबाजियों का दौर जारी है. अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former Chief Minister Jitan Ram Manjhi) ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा जिस तरह का बयान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर दे रहे हैं. वह बिल्कुल गलत है. उपेंद्र कुशवाहा अगर महागठबंधन में हुए डील के बारे में समझाना चाहते हैं और उन्हें अगर कुछ पता है तो वही क्यों नहीं बताते हैं. उन्होंने कहा कि हम तो मानते हैं कि कहीं से भी कोई भी डील महागठबंधन के घटक दलों के बीच में नहीं हुई थी.
ये भी पढ़ेंः Bihar Politics : 'RJD के साथ क्या डील हुई है, उसका खुलासा करें', JDU नेतृत्व से कुशवाहा की बड़ी मांग
नीतीश कुमार को कोई कमजोर नहीं कर सकताःजीतनराम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहीं से भी कमजोर नहीं हुए हैं. उनको कोई कमजोर नहीं कर सकता है, जो कमजोर कहेगा वही कमजोर हो जाएगा. आज तक की जो स्थिति है उसमें हर हालात में वह मजबूत थे और उसी हालत में अभी भी हैं और मजबूत है. मांझी ने कहा कि अब उपेंद्र कुशवाहा के मन में क्या बात है, क्या कहें. लेकिन एक बात हमें लगता है कि अब उन्हें अंगूर खट्टे लग रहे हैं.
"उपेंद्र कुशवाहा जिस तरह का बयान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर दे रहे हैं. वह बिल्कुल गलत है. उपेंद्र कुशवाहा अगर महागठबंधन में हुए डील के बारे में समझना चाहते हैं और उन्हें अगर कुछ पता है तो वही क्यों नहीं बताते हैं. हम तो मानते हैं कि कहीं से भी कोई भी डील महागठबंधन के घटक दलों के बीच में नहीं हुई थी"-जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
स्थानीय प्रशासन ठीक से लागू नहीं कर पा रहा शराबबंदीः पूर्व मुख्यमंत्री ने शराबबंदी कानून को लेकर भी बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सिवान में गरीब परिवार के लोग जहरीली शराब से मरे हैं कहीं न कहीं यह पूरी तरह से गलत है. हम शुरू से यह कहते रहे हैं कि बिहार में शराबबंदी कानून की ढंग से नहीं चल रहा है. स्थानीय प्रशासन इसे ठीक ढंग से लागू नहीं कर पा रहा है और सबसे पहले जो गरीब लोग हैं वह जेल जा रहे हैं. अभी भी लोग ज्यादा कीमत देकर शराब खरीद रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हमने पहले भी कहा था.
शराबबंदी कानून अच्छी चीज हैः जीतनराम मांझी ने कहा कि हम मानते हैं कि शराबबंदी कानून अच्छी चीज है, लेकिन जो हालात बिहार में बना हुआ है उस हालात में कहीं न कहीं शराब बंदी कानून के कारण गरीबों जेल जा रहे हैं, जो कहीं से भी उचित नहीं है. वहीं बड़े तस्कर अब भी पकड़ से बाहर हैं. वहीं महागठबंधन में फिर से उन्होंने कोऑर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग की और कहा कि यह बेहद जरूरी है. घटक दलों के बीच आपसी संवाद कोऑर्डिनेशन कमिटी के द्वारा ही बनाया जा सकता है.