पटना: बिहार की राजधानी पटना में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) बीजेपी के खिलाफ पोल खोल अभियान में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (MP Sanjay Jaiswal ) और सुशील मोदी (MP Sushil Modi)पर करारा हमला किया. उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि संजय जायसवाल और सुशील मोदी के बीच मंंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए कॉम्पटीशन चल रहा है. सुशील मोदी पूरे दिन में कई बार ट्वीट करते हैं. 10 मिनट बाद संजय जायसवाल भी ट्वीट करते हैं. लेकिन संजय जायसवाल पर सुशील मोदी भारी पड़ रहे हैं.
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''बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल एक बार आरजेडी में भी शामिल हो चुके हैं, एक बार चुनाव भी लड़े थे. इसलिए वो विश्वसनीयता खो चुके हैं. सुशील मोदी बीजेपी में ही रहे हैं. दोनों केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए कोशिश कर रहे हैं''-ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू
बिहार में ईबीसी आरक्षण को लेकर अटैकिंग मोड में ललन सिंह: दरअसल ये बातें ललन सिंह ने तब कहीं जब वो पटना के गांधी मैदान में बीजेपी के खिलाफ अति पिछड़ा आरक्षण को लेकर पोल खोल कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इसी दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने दोनों नेताओं की चुटकी ली. ललन सिंह ने सुशील मोदी को लेकर सहानुभूित भी जताई और कहा कि बहुत दिन से उन्हें साइडलाइन किया गया. अब 9 अगस्त के बाद फिर सक्रिय हुए हैं. उन्हें कुछ मिल जाए तो हम लोगों की शुभकामानाएं हैं.
सुशील मोदी और संजय जायसवाल के ट्वीट बम से जेडीयू असहज: एक ओर जेडीयू जहां सुशील मोदी को लेकर सॉफ्ट कॉर्नर रखती है तो वहीं संजय जायसवाल को लेकर जेडीयू हमेशा अटैकिंग मोड में रहती है. हालांकि 9 अगस्त के बाद सुशील मोदी भी मैदान में कूद गए हैं. NDA की सरकार में 9 अगस्त के पहले सुशील मोदी का ट्वीट नीतीश के बचाव के लिए होते थे. लेकिन अब पाला बदल लेने के बाद सुशील मोदी सीएम नीतीश कुमार को संभलने का भी मौका नहीं दे रहे हैं. यही वजह है कि जेडीयू बीजेपी के दोनों दिग्गजों के ट्वीट से असहज हो जा रही है. और दोनों नेता महागठबंधन के निशाने पर हैं.
बीजेपी के खिलाफ पोल खोल अभियान:दरअसल जदयू के लोग बीजेपी को दोहरा चरित्र वाला बता रहे हैं. जदयू जिला में आरक्षण को लेकर बीजेपी के खिलाफ पोल खोल अभियान चला रहे हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी आयोग नहीं बनाने को लेकर निशाना साध रही है. नीतीश कुमार के खिलाफ चरणबद्ध ढंग से आंदोलन चलाने की घोषणा कर दी है. बीजेपी नेताओं का कहना है सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही निर्देश दिया था. उसका पालन नीतीश सरकार ने नहीं किया और उसके कारण ही अति पिछड़ों के आरक्षण को लेकर नगर निकाय चुनाव रुका है.
क्या है मामला: दरअसल, बिहार में इस महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट (Patna high court decision Over EBC Reservation) ने बड़ा फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव कराने से फिलहाल रोक लगा दी. पटना हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद आनन-फानन में बिहार राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) की बैठक हुई. जिसमें अधिकारियों ने पूरे मामले पर हाईकोर्ट के निर्णय की जानकारी ली. जिसमें राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी और नगर विकास विभाग के सचिव भी मौजूद रहे. इस बैठक में चुनाव को फिलहाल स्थगित करने का निर्णय लिया गया.