पटनाः बिहार केकुढ़नी उपचुनाव में जेडीयू को को करारी हार (JDU Defeat in Kurhani By Election ) मिली है. नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद जेडीयू का यह पहला चुनाव था. जेडीयू की तरफ से यह दावा किया जा रहा था कि सात दलों की ताकत है. इसलिए जेडीयू उम्मीदवार भारी मतों के अंतर से चुनाव जीतेगी. पार्टी कार्यालय में सुबह से हलचल बनी हुई थी. मंत्री विजेंद्र यादव और मंत्री शीला मंडल पार्टी कार्यालय में पहुंचे थे और दावा किया था कि जेडीयू का उम्मीदवार जरूर जीतेगा.
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19वें राउंड के बाद से अंत तक बीजेपी बढ़त में रहीः कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव की काउंटिंग में शुरुआत से ही बीजेपी के उम्मीदवार केदार गुप्ता लीड लेने लगे थे. पांचवें राउंड में जदयू के उम्मीदवार ने बढ़त बनाई और उसके बाद फिर से बीजेपी के उम्मीदवार आगे निकलने लगे, लेकिन नौवें राउंड से जेडीयू उम्मीदवार लगातार लीड बनाते रहे और यह सिलसिला 19वें राउंड में समाप्त हुआ. 19वें राउंड से बीजेपी के उम्मीदवार केदार गुप्ता ने बढ़त बनानी शुरू कर दी और अंत तक बढ़त बनी रही. 36 सौ से अधिक मतों से बीजेपी के उम्मीदवार केदार गुप्ता ने चुनाव जीत लिया.
नीतीश कुमार की साख पर उठे सवालःजेडीयू के लिए यह एक बड़ा झटका है. क्योंकि अभी दिल्ली एमसीडी चुनाव में भी जेडीयू का खाता नहीं खुला और नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद जेडीयू का यह पहला चुनाव था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और पार्टी के अधिकांश मंत्रियों ने चुनाव प्रचार किया था और विधानसभा उपचुनाव के रिजल्ट से 2024 लोकसभा चुनाव के लिए मैसेज देने की बात कही जा रही थी. नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के लिए अभियान भी चला रहे थे, लेकिन उपचुनाव के रिजल्ट से जेडीयू को बड़ा झटका लगा है. एक तरह से नीतीश कुमार के साख पर भी सवाल है.
हार का असर पार्टी कार्यालय में भी दिखाः हार का असर पार्टी कार्यालय में भी दिख रहा है. रिजल्ट आने के बाद पार्टी कार्यालय में कुछ कार्यकर्ता जरूर दिख रहे हैं, लेकिन पार्टी के बड़े नेता गायब हैं. अब देखना है कि आगे जेडीयू की क्या रणनीति होती है. क्योंकि 10 दिसंबर को जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक होने वाली है और 11 दिसंबर को खुला अधिवेशन उसमें पार्टी क्या रणनीति बनाती है यह देखना दिलचस्प होगा.