बारिश के कारण गंगा के जलस्तर में वृद्धि पटना:पटना में बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है. ईटीवी भारत की टीम ने पटना के दीघा और गांधी घाट पर गंगा नदी के जलस्तर वृद्धि का जायजा लिया. दीघा घाट पर बुधवार को जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है. दीघा घाट पर बुधवार को 49 मीटर तक जलस्तर पहुंच चुका है, यानी कि दो दिनों में 2 मीटर की बढ़ोतरी हुई है. दीघा घाट पर डेंजर लेवल 50.45 मीटर है. गांधी घाट गंगा का जलस्तर आज 47.33 मीटर दर्ज की गई है. दीघा घाट और गांधी घाट पर गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. हालांकि डेंजर लेवल से फिलहाल नीचे है.
ये भी पढ़ें:Bihar Flood : गंगा-गंडक और बागमती लाल निशान के पार, बाढ़ का खतरा मंडराया.. लोग पलायन को मजबूर
गंगा में उफान से बाढ़ का खतरा: वहीं, गंगा किनारे रहने वाले लोगों के लिए गंगा का जलस्तर मुसीबत बन गया है. जिसका नतीजा है कि लोग अब अपने घर को छोड़कर ऊंचे स्थान पर शरण लेने लगे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कुमकुम देवी ने कही कि हर साल बाढ़ के कारण परेशानी होती है, आज फिर से घर के दरवाजे तक पानी प्रवेश कर गया है.
"जिस रफ्तार से पानी गांव में घुस रहा है, लगता है कि रात में पानी पूरे घर में घुस जाएगा. बाल-बच्चा और मवेशी को लेकर अब फोर लाइन पर ही शरण लेना होगा. सरकार की तरफ से हर साल तो वादा किया जाता है और हर साल हम लोग को बाढ़ में घर छोड़कर सड़क पर गुजर बसर करना पड़ता है. पानी आने के बाद रात में नींद इसलिए भी नहीं आती है, क्योंकि सांप-बिच्छू का डर बना रहता है"- कुमकुम देवी, स्थानीय
गंगा का पानी गांव में घुसा ऊंचे स्थान पर शरण ले रहे हैं लोग:वहीं, मदन यादव ने कहा कि जलस्तर में पिछले 2 दिनों से बढ़ोतरी हुई है. जिससे फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. झोपड़ी डूबने के बाद अब हमलोग सड़क पर शरण लिए हैं. उन्होंने कहा कि डर है कि रात में पानी और बढ़ेगा तो फोर लाइन पर जाकर शरण लेना होगा.
"फसल तो बर्बाद हुई, रोजी रोटी का सवाल खड़ा हो गया. मवेशियों का चारा भी अब मुश्किल हो जाएगा. किसी तरह गुजर बसर किया जाएगा. सरकार की तरफ से जो मिलना चाहिए, वह अंतिम समय में मिलता है, सभी लोगों को मिल भी नहीं पाता है"- मदन यादव, स्थानीय
पलायन करने को लोग मजबूर:बढ़ते जलस्तर के कारण लोग अपने घर को छोड़कर उचित स्थान पर शरण ले रहे हैं. नाव से अपने सामानों को ऊंचे स्थान पर शरण ले रहे हैं. कुछ लोग मरीन ड्राइव के पास आकर शरण लेने लगे हैं. लोगों को अपने पशुओं और सामानों के साथ पॉलिथीन टांग कर मजबूरी में रहना पड़ रहा है. गांधी घाट, कलेक्ट्रेट घाट और महेंद्रु घाट पर अंतिम सीढ़ी तक पानी पहुंच चुका है.