पटना: बिहार की राजधानी पटना के बाजार में इन दिनों लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा(Chhath Puja In Patna) को लेकर काफी हलचल है. छठ पूजा में फल का महत्व काफी होता है. इसे लेकर राज्य की सबसे बड़ी फल मंडी बाजार समिति में रौनक बढ़ गई है. छठ व्रत में सेब, केला, संतरा, नारियल के अलावा कई अन्य फलों से भगवान को अर्घ्य देते हैं. छठ पूजा पर फलों की बढ़ती डिमांड को पूरा करने से लिए पटना बाजार समिति फल मंडी (Import Of Fruits Increased On Chhath In Patna) में हर रोज काफी संख्या में ट्रक देश के दूसरे राज्यों से फलों को लेकर पहुंच रहे हैं.
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फल मंडी बाजार समिति में रौनक बढ़ीःबाजार समिति के व्यापारियों का कहना है कि सेब जहां कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से आ रहे हैं, वहीं नींबू और गागर आंध्र प्रदेश से आ रहे हैं. आंध्र प्रदेश से नारियल भी आ रहा है. बाजार समिति के व्यापारी सर्वजीत बताते हैं कि कोरोना के कारण पिछले 2 सालों से बाजार मंदा हो गया था लेकिन इस बार काफी रौनक है और अच्छे व्यापार की उम्मीद है. वह बताते हैं कि नागपुर से भी बड़ी संख्या में संतरा मंगाया गया है, जिसे ग्राहक पसंद भी कर रहे हैं.
दूसरे राज्यों से मंगाया जा रहा केलाः बाजार समिति के ही एक और व्यापारी त्रिलोचन कहते हैं कि केला में परवतीपुरम, रोलपालम और कर्नाटक प्रजाति के आ रहे हैं. परवतीपुरम जहां 150 से लेकर 350 प्रति घौंद बहुत बिक रहा है. वहीं, रोलपालम ढाई सौ से 400 तक के बीच है. कर्नाटका प्रजाति का केला 400 से 600 रुपये प्रति घौंद तक है. वहीं, सेब में कश्मीरी सेब की 15 किलोग्राम की पेटी 12 सौ से 17 सौ रुपये, जबकि 7.50 किलो की वजन वाली सेब की पेटी 700 से 900 रुपये तक बिक रही है. होलसेल रेट में संतरा 60 से 80 रुपये किलो तक बिक रहा है.
"छठ पूजा की रौनक को लेकर फल मंडी में ट्रकों के आने का सिलसिला बढ़ गया है. छठ पूजा को लेकर फलों की मांग बढ़ जाती है. बाजार में पारंपरिक फलों के अलावा इंपोर्टेड फल भी हैं. इनमें आलूबुखारा और बड़े दाने वाले लाल रंग के अंगूर भी हैं. यह सारे फल धनाढ्य वर्ग के लोग लेते हैं क्योंकि इनकी कीमत ज्यादा होती है. पूजा में 2 से 3 दिन का वक्त बचा हुआ है, यहां आने वाले ट्रकों की संख्या में अभी और वृद्धि हो सकती है"- फल व्यापारी
कश्मीर और हिमाचल से आ रहे सेबःबाजार समिति फल मंडी के फलों के थोक विक्रेता सरताज आलम बताते हैं कि कश्मीर और हिमाचल से सेब आते हैं. छठ पूजा को लेकर डिमांड थोड़ी बढ़ जाती है. हल्का माल हल्के रेट में बिकता है और जो बढ़िया माल है वो बढ़िया रेट में बिकता है. कीमत में 50-100 रुपये का उतार-चढ़ाव होता है.