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पंजाब में फंसे ढाई सौ बिहारी मजदूरों को नहीं मिल रहा खाना, नीतीश सरकार से लगाई मदद की गुहार

मनोज दास ने कहा कि 'वह फिलहाल मोहाली जिले के चंडीगढ़ रोड में रह रहे हैं. बाहर निकलते हैं तो पुलिसवाले मारते हैं. घर में राशन नहीं है. 3 दिनों से खाना नहीं मिला है. नीतीश सरकार हमारे लिए कुछ उपाय करे, चाहे खाना मुहैया करवाए या फिर यहां से बिहार ले जाने का कोई रास्ता निकाले.

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Published : Mar 26, 2020, 3:31 PM IST

Updated : Mar 26, 2020, 5:25 PM IST

चंडीगढ/बिहार: कोरोना वायरस की वजह से देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया गया है. लोग इससे काफी परेशान दिख रहे हैं. खासकर जो लोग दूसरे प्रदेश में हैं उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

लॉकडाउन की वजह से बिहार के 250 मजदूर चंडीगढ़ में फंस गए हैं. मनोज दास, जितेन्द्र पासवान, फिरोज आलम, प्रभु पासवान, राजेश महतो, सुमेश राम, किशोर राय, अफजल आलम, प्रमोद पासवान, मदन महतो, राजेश दास, उमेश राम, गुड्डू पासवान, भूती पासवान सहित सैकड़ों मजदूर यहां पर फंसे हैं.

'कंपनी बंद है, खाना को तरस रहे'
पश्चिम चंपारण के रहने वाले इन मजदूरों को खाना नसीब नहीं हो रहा है. इस बाबत ईटीवी भारत ने उन मजदूरों से बात की. भूती कुशवाहा ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा कि 'यहां पर हमलोग लगभग 300 लोग काम कर रहे थे. पीएम मोदी द्वारा लॉकडाउन की घोषणा के बाद हमारी कंपनी को बंद कर दिया गया. हमलोगों के पास तीन-चार सौ रुपये थे. वह खत्म हो गया है. हमलोग खाना नहीं खा पा रहे हैं. सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह हमलोगों को खाना मुहैया करवाए. यहां के हालात ठीक नहीं है.'

'कुछ उपाय करे सरकार, मर रहे हैं'
बेतिया के रहने वाले मनोज दास ने कहा कि 'वह फिलहाल मोहाली जिले के चंडीगढ़ रोड में रह रहे हैं. बाहर निकलते हैं तो पुलिसवाले मारते हैं. घर में राशन नहीं है. 3 दिनों से खाना नहीं मिला है. नीतीश सरकार हमारे लिए कुछ उपाय करे, चाहे खाना मुहैया करवाए या फिर यहां से बिहार ले जाने का कोई रास्ता निकाले. हमलोग यहां पर मरना नहीं चाहते हैं.'

ईटीवी भारत से अपनी बात साझा करते मजदूर.

'लगातार बज रही हैं घंटियां'
बता दें कि, लाखों की संख्या में बिहार से अन्य राज्यों में काम करने गए लोग वहीं फंसे हुए हैं. मुख्यमंत्री आवास से लेकर कई विभागों में फोन की घंटियां बज रही हैं. ज्यादातर लोगों की शिकायत है कि उन्हें खाने के लिए किसी तरह की सुविधा नहीं मिल पा रही है. इसको लेकर सरकार ने लोगों की मदद के लिए एक कमेटी का गठन किया है.

कमिटी का हुआ गठन
लोगों की शिकायत को ध्यान में रखकर नीतीश सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. रेसिडेंस कमिश्नर की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. जो अन्य राज्यों की सरकार से बात कर फंसे हुए मजदूर और अन्य लोगों की मदद करेंगे.

सरकार चलवाएगी कम्युनिटी किचन
बताया जा रहा है कि बिहार सरकार कम्युनिटी किचन चलवा कर फंसे हुए मजदूरों को खाना मुहैया कराएगी. कई लोग सरकार से घर वापस आने की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं. गौरतलब है कि लाखों की संख्या में लोग अपने घरों को लौट चुके हैं. लेकिन इसके बाद भी जो लोग अपने घर नहीं लौट सके अब वे कहीं भी जाने की स्थिति में नहीं है.

हेल्पलाइन नम्बर हुआ जारी
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि सरकार ने अधिकारियों का दल गठित किया है. सरकार की ओर से हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. सरकार ने अधिकारियों की टीम गठित की है और मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है. इस नंबर 97737 17261 पर लोग संपर्क कर अपनी जानकारी दे सकते हैं.

तेजस्वी ने किया था ट्वीट
यहां यह बताना भी जरूरी है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दी थी. पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विनम्र आग्रह करते हुए कहा था कि कृपया इनके खाने की व्यवस्था व मदद की जाए.

सरकार पर टिकी निगाहें
अब देखना यह है कि सरकार इस ओर क्या कदम उठाती है? आखिर कब तक सैकड़ों भूखे मजदूरों तक खाना पहुंचता है? कब उनके उदर की प्यास बुझती है?

Last Updated : Mar 26, 2020, 5:25 PM IST

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