किसानों की आमदनी को लेकर पटना से ग्राउंड रिपोर्ट पटना :बिहार के पटना में केंद्र सरकार के किसानों की आमदनी दोगुनी के दावों को किसानों नकार दिया है. बिहार में खेती किसानी की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. किसान महंगाई के साथ खाद की किल्लत से परेशान हैं.(Farmers income has not doubled anywhere) परेशान किसानों ने कहा कि हमलोगों की आमदनी कहीं दुगनी नहीं हुई है. बल्कि खाद और यूरिया के लिए किसानों को किल्लत का ही सामना करना पड़ रहा है. समय पर खाद न मिलने की वजह से फसल खराब हो रही है.
ये भी पढ़ें :Protest In Masaurhi: जर्जर सड़क की मरम्मती को लेकर सड़क पर उतरे ग्रामीण, घंटों किया प्रदर्शन
फल-सब्जियों और फलों के बीच भी महंगे :पटना के दूसरा दियारा इलाके के किसान लक्ष्मण राय बताते हैं कि वह लगभग 2 एकड़ जमीन में खेती करते हैं. अभी के सीजन में गेंहू, सरसों, राई, पालक, टमाटर, बैंगन, आलू इत्यादि फसलों की खेती किए हुए हैं. लेकिन सरकार जो कह रही है कि किसानों की आमदनी दोगुनी हुई है यह गलत बात है. खेती किसानी महंगी हुई है. क्योंकि खाद भी मांगा हुआ है. फल-सब्जियों और फलों के बीच भी महंगे हुए हैं. मजदूरी भी मंहगी हुई है.
मंडी भाव से सीधे आधे कीमतों में फसलों को खरीदते हैं:किसान सकलदेव पासवान ने बताया कि फसल में पानी पटाने के लिए जो मोटर पंप संचालक है. उससे ₹160 प्रति घंटा के दर से पानी लेते हैं. खेत में जो व्यापारी फसलों की खरीदारी करने के लिए आते हैं तो मंडी भाव से सीधे आधे कीमतों में फसलों को खरीदते हैं. वह चाहते हैं कि किसानों से व्यापारी आलू और टमाटर जैसी सब्जियों को 15 से ₹ 20 प्रति किलो के भाव पर खरीदें तभी जाकर किसानों को कुछ फायदा होगा.
खाद और यूरिया की किल्लत :किसान सकलदेव पासवान ने बताया कि खाद और यूरिया की किल्लत हो रही है. उसको सरकार दूर करे तब जाकर किसानों को कुछ फायदा होगा. अपने नाते रिश्तेदारी के सदस्यों का पहचान पत्र का इस्तेमाल कर खाद और यूरिया लेना पड़ता है. वह भी जरूरत से काफी कम मिलती है. ऊपर से मौसम की भी मार पड़ जाती है. जैसा कि इस बार हुआ है और गेहूं और तिलहन में पटना के दीयरा इलाके में कहीं भी दाने मजबूत नहीं हुए हैं.
"किसानों की आमदनी बिल्कुल भी दोगुनी नहीं हुई है. मुश्किल से खेती का लागत निकल पा रहा है. कई सारे फसलों को वह बोते हैं इस वजह से खेती का लागत निकल जा रहा है. अन्यथा कुछ फसलें हर साल ऐसी रह जाती हैं जिनका लागत भी नहीं निकल पाता. उन्होंने बताया कि बीते कई वर्षों से लगातार खाद की किल्लत का वह लोग सामना कर रहे हैं."- विनोद कुमार, किसान
"गेहूं की खेती करने के साथ-साथ दलहन, तिलहन और सब्जियों की भी खेती करते हैं. सरकार जो कह रही है कि किसानों की आमदनी दुगनी हुई है. यह बिल्कुल झूठ बोल रहे हैं. सरकार ऐसी झूठी बातें करती हैं अपने हित के लिए यह कोई नई बात नहीं है. सरकार कह रही है कि किसानों की आमदनी दुगनी हुई है. धरातल पर किसान भुगत रहे हैं. खेती किसानी करना महंगा हुआ है, पटवन महंगा हुआ है."- सकलदेव पासवान, किसान
"लगभग 2 एकड़ जमीन में खेती करते हैं. अभी के सीजन में गेंहू, सरसों, राई, पालक, टमाटर, बैंगन, आलू इत्यादि फसलों की खेती किए हुए हैं. लेकिन सरकार जो कह रही है कि किसानों की आमदनी दोगुनी हुई है यह गलत बात है. खेती किसानी महंगी हुई है क्योंकि खाद भी मांगा हुआ है, फल सब्जियों और फलों के बीच भी महंगे हुए हैं, मजदूरी भी मंहगी हुई है और फसलों का पटवन कराना भी महंगा हुआ है."- लक्ष्मण राय, किसान