नई दिल्ली:पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) के संरक्षक शरद यादव पिछले 1 साल से सक्रिय राजनीति से दूर हैं. क्योंकि वह अस्वस्थ्य हैं. इलाज के बाद उनके सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है. उन्होंने आज कोरोना वैक्सीन की पहली डोज आज ली है. उन्होंने कहा कि एक कहावत है. रोकथाम इलाज से बेहतर है. आज हम सभी भारतवासियों को इसपर गम्भीरता पूर्वक विचार करने की आवश्यकता है.
शरद यादव ने कहा की कोरोना महामारी की दूसरी लहर से देश जूझ रहा है. कई जिंदगियों को इस महामारी ने तबाह किया. लाखों लोग बेमौत मारे गए. लेकिन अब इस बीमारी से लड़ने के लिए आपके पास हथियार के रूप में वैक्सीन उपलब्ध है. समाज में कई लोग वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं, कई तरह की भ्रांतियां फैलायीं जा रही हैं. यह गैरजिम्मेदाराना है. हमें मिलकर इस महामारी का मुकाबला करना है.
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"यह समझना चाहिए कि वैक्सीन ही एकमात्र विकल्प है. कोरोना को हराने के लिए जन जागरूकता और वैक्सीन दोनों ही महत्वपूर्ण है. वर्तमान में कोरोना संक्रमण की सबसे कारगर दवा वैक्सीन ही है. आप सभी से गुजारिश करता हूं कि अपने स्वजनों को बचाने और समाज, देशहित में अपना योगदान जरूर दें. खुद भी वैक्सीन लगवाएं और परिवार के हर सदस्य को जरूर लगवाएं. साथ ही सभी को प्रेरित भी करें": -शरद यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री
'कोरोना योद्धाओं का कार्य सराहनीय'
शरद यादव ने कहा कि मैनें भी जिम्मेदार नागरिक होने का अपना फर्ज निभाया है और वैक्सीन की पहली डोज ले ली है. साथ ही मेरा केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से भी अनुरोध है कि इस टीकाकरण की प्रक्रिया को और अधिक गति प्रदान करें और इसकी प्रक्रिया को सरल बनाया जाए. जिससे हर नागरिक इस सुविधा का लाभ उठा सके. इसके अलावा मैं देश में कार्यरत तमाम फ्रंटलाइन वर्कर्स और डाक्टरों, नर्सों साथ ही विभिन्न स्वयं सेवी संस्थानो का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जो इस मुश्किल घड़ी में अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं. विकट परिस्थितियों में अपनी जान को जोखिम में डाल इंसानियत को बचाने का इन सभी योद्धाओं का कार्य सराहनीय है.