पटना:जातीय जनगणना ( Caste Census ) की मांग को लेकर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मिले. इस मुलाकात में उनके साथ बिहार के 10 दलों के नेता भी शामिल थे. मुलाकात के बाद सीएम नीतीश ने कहा कि जातीय जनगणना पर सबकी एक सहमति है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पीएम मोदी मान गए हैं?
दरअसल, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद बाहर पत्रकारों से बात करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी पूरी बात सुनी. सबने जातिगत जनगणना के पक्ष में एक-एक बात कही है. उन्होंने हमारी बात को नकारा नहीं है, हमने कहा है कि इस पर विचार करके आप निर्णय लें.
इसे भी पढे़ं-सियासी तौर पर नीतीश के नजदीक आ रहे हैं? तेजस्वी बोले- नहीं... नहीं... हमलोग साथ हैं
हमलोगों ने बिहार की जातियों के बारे में पीएम को जानकारी दी. जातीय जगणना के पक्ष में हम लोगों ने अपनी बातें रखी है. ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री हमारी बातों को नहीं सुन रहे थे. वे सुन रहे थे. और सभी लोगों ने एक-एक बात रखी है. हमलोगों को उम्मीद है प्रधानमंत्री हमारी मांगों पर गौर करेंगे. प्रधानमंत्री ने हमारी मांगों को नकारा नहीं है. हमलोगों ने ओबीसी, एससी-एसटी, पिछड़ा वर्ग सभी की बातें की है. हमने कहा है कि एक बार जनगणना हो जाने से सभी लोगों को वास्तविक लाभ मिल सकेगा."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
पीएम मोदी से मिलने के बाद बाहर मीडिया से बात करते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि 'हमने प्रधानमंत्री से कहा कि हर हालत में जातिगत जनगणना कराएं, ये ऐतिहासिक निर्णय होगा. उन्होंने बहुत गंभीरता से हमारी बात सुनी है इसलिए हमें लगता है कि जल्दी ही कोई निर्णय होगा.'
इसे भी पढे़ं-PM मोदी से मुलाकात के बाद CM नीतीश का बड़ा बयान, 'हमारी मांगों को नकारा नहीं गया है'
वहीं, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी बात गंभीरता से सुनी है, अब हम लोगों को उनके निर्णय का इंतज़ार है. उम्मीद है कि देश और बिहार के हित में पीएम मोदी फैसला लेंगे.
"राष्ट्रहित में कोई काम अगर है. बिहार की दस पार्टियां इस मांग को लेकर आए हैं. जातीय गनगणना से गरीबों को लाभ मिलेगा. जब जानवरों की गिनती हो रही है तो इंसानों की भी होनी चाहिए. एससी-एसटी का होता रहा है. सवाल ये है कि यह जनगणना क्यों नहीं होना चाहिए. किसी भी सरकार के पास परफेक्ट आंकड़ा नहीं है. आंकड़े होने के बाद ही योजनाएं बनाई जा सकेंगी. इस प्रस्ताव को बिहार विधानसभा से दो बार पारित किया जा चुका है. संसद में इसे लेकर केन्द्र सरकार से सवाल भी पूछा गया है. हमलोगों ने यह कहा है कि जब धर्म की गणना हो सकती है, तो जाति की क्यों नहीं हो सकती है. हम मुख्यमंत्री को भी धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हम सभी की मांग को लेकर पीएम से मुलाकात का समया मांगा."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इसे भी पढ़ें- जातीय जनगणना पर मांझी- 'हर हालत में जातिगत जनगणना कराएं पीएम, ये ऐतिहासिक निर्णय होगा'
बता दें कि जातीय जमगणना के मुद्दे पर बिहार बीजेपी में एक मत नहीं है. भले ही जनक राम सीएम नीतीश के नेतृत्व में पीएम मोदी से मुलाकात की, लेकिन एक धड़ा ऐसा भी है जो जातीय जनगणना का विरोध कर रहा है. इस मुद्दे पर बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कई बार सवाल उठाएं हैं. उन्होंने यहां तक कहा है कि कोई बताए कि जातीय जनगणना कराने से क्या फायदा होने वाला है?
ऐसे में सीएम नीतीश का ये कहना कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर सबकी एक ही राय है, तो क्या मान लिया जाए कि पीएम मोदी जातीय जनगणना कराने को तैयार हैं और इसके लिए वे मान गए हैं?