नई दिल्ली/पटना : कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान देशभर में जारी बंदी की वजह से देश के कोने-कोने से लोग वापस अपने अपने गृह राज्य को लौट रहे हैं. इसमें बड़ी संख्या में बिहार के दिहाड़ी मजदूर शामिल हैं. एक आंकलन के मुताबिक अकेले बिहार के अलग-अलग राज्यों में 20 लाख दिहाड़ी मजदूर और श्रमिक रहते हैं. अब इन लोगों का अपने गृह राज्य को पलायन शुरू हो गया है.
'रोजगार का सृजन करना बिहार सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती'
रालोसपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव माधव आनंद का मानना है बिहार की आर्थिक स्थिति बंदी की वजह से बदतर हो गई है. बिहार में उद्योग बहुत कम हैं. तकरीबन 80 फीसदी लोग अभी भी खेती बारी पर निर्भर करते हैं. देश की मौजूदा स्थिति को देखकर ऐसा आंकलन किया गया है कि कम से कम एक साल तक दिहाड़ी मजदूर वापस काम पर नही लौटेंगे. ऐसी स्थिति में उनके लिए रोजगार का सृजन करना बिहार सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. ऐसे में उनका मानना है कि केंद्र, बिहार सरकार को डेढ़ लाख करोड़ का स्पेशल पैकेज दे.