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इंश्योरेंस और बोनस की रकम दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का खुलासा

आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने एक ठगी करने वाले गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपी बकाया इंश्योरेंस मैच्योरिटी और बोनस आदि की रकम दिलाने के नाम पर वारदात को अंजाम देते थे.

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Published : Sep 6, 2021, 1:20 PM IST

नई दिल्ली/पटना:दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने इंश्योरेंस और बोनस की रकम दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग (Cheater Gang) का खुलासा किया है. पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो सेना के अधिकारियों को निशाना बनाते थे और ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे. इनकी पहचान फरीदाबाद के राज राजपूत, बिहार के प्रभात कुमार, यूपी के राम नरेश और राम सागर के रूप में हुई है.

आरोपी बकाया इंश्योरेंस मैच्योरिटी और बोनस आदि की रकम जारी करने का लालच देकर आर्मी ऑफिसर से ठगी को अंजाम देते थे. आरोपियों ने 54 आर्मी ऑफिसरों को निशाना बनाने की कोशिश की थी, जिनमें से 13 ने उनके कॉल पर रेस्पांड किया और ठगी के शिकार हो गए.

ये उन्हें बोनस और इंश्योरेंस मैच्योरिटी में 3-4 लाख रुपये दिलाने का प्रलोभन देते थे और इसके बदले उनसे 30- 40 हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस के नाम पर वसूलते थे, जो वो फर्जी फर्म के नाम पर खुलवाए गए एकाउन्ट में लेते थे. जैसे ही पैसे उनके एकाउन्ट में आते थे. उनको एटीएम या चेक से पैसों को निकाल कर मोबाइल को बंद कर देते थे.

इसके लिए उन्होंने किराये के पते पर पंजीकृत प्रोपराइटरशिप/पार्टनरशिप फर्मों के नाम से बैंक खाते खोले जिससे बैंक फर्मों के खाते में बार-बार जमा होने के लिए पूछताछ नहीं करें. यह एक बैंक खाते में बड़ी रकम लेने में भी मदद करता है. ये एकाउन्ट पीड़ितों को मांगी गई राशि जमा करने के लिए उपलब्ध कराए गए थे.

पीड़ितों को कॉल करने के लिए आरोपी व्यक्तियों ने फर्जी केवाईसी दस्तावेजों और पतों पर लिए गए मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया. इस उद्देश्य से परिसर को किराए पर लिया गया और फर्जी फर्मों के पंजीकरण और ऐसे पते पर बैंक खाते खोलने के बाद, आरोपी व्यक्ति इन परिसरों को खाली कर गायब हो गए.
ठगी के वारदातों की शिकायत पर ईओडब्लू पुलिस के इंस्पेक्टर जे एस मिश्रा, एसआई रविंदर जून, एसआई सतीश डागर, एएसआई मेघपाल, हेड कॉन्स्टेबल धनवीर और अन्य की टीम को मामले की जांच में लगाया गया.



दिल्ली, फरीदाबाद, कानपुर में छापेमारी कर चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया. ये महाराष्ट्रा, चेन्नई, हैदराबाद और चंडीगढ़ में ऐसे ही ठगी की वारदातों में शामिल रहे हैं. पुलिस सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर आगे की जांच और पूछताछ में जुटी हुई है, जिससे इनके सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया जा सके.

वहीं एक अन्य मामले में मायापुरी पुलिस ने एक ऐसे शातिर अपराधी जिस पर हत्या के एक मामले के साथ-साथ पैरोल पर आने के बाद जेल वापस नहीं जाने का मामला दर्ज था और पुलिस ने इसे काफी मशक्कत के बाद यूपी के गोंडा से गिरफ्तार किया. पुलिस टीम को इसे पकड़ने के लिए इसकी दूसरी पत्नी के घर के पड़ोस में 2 दिन तक इंतजार करना पड़ा.

मायापुरी पुलिस को एक शातिर अपराधी को पकड़ने के लिए कई दिनों तक यूपी की खाक छाननी पड़ी और दो रात गांव में छुपकर बितानी पड़ी. दरअसल हत्या का एक आरोपी जो पैरोल पर जेल से बाहर आया तो तय समय पर जेल जाने की बजाए वह फरार हो गया और पिछले महीने से ऐसे पैरोल जंपर को पकड़ने के लिए पुलिस ने एक अभियान चलाया हुआ था. इसी के तहत मायापुरी पुलिस ने इस अपराधी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया, लेकिन पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद यह पुलिस को झांसा देकर बच निकलता पुलिस के लिए चुनौती इसलिए भी बड़ी थी, क्योंकि पुलिस के पास इसका फोन नंबर तक नहीं था.

ऐसे में पुलिस ने जानकारी निकाली और इसकी पहली पत्नी के घर जब पुलिस टीम पहुंची और वहां पूछताछ की गई तो पता चला कि इसने पहली पत्नी को कब का छोड़ दिया और दूसरी शादी कर ली, अब पुलिस कॉफी मशक्कत के बाद दूसरे ससुराल का पता निकाला और जब वहां पहुंची तो आरोपी उस वक्त नहीं था. छानबीन के बाद यह पता चला कि हफ्ते में 2 या 3 दिन वह अपनी पत्नी से मिलने आता है. इस इंतजार में मायापुरी पुलिस टीम को वहां 2 दिन रहना पड़ा और तब जाकर आरोपी 1 दिन आया, तब पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार किया.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी का नाम राजकुमार है और वो यूपी का रहने वाला है, उस पर हत्या का एक मामला चल रहा था और पैरोल पर जनवरी में बाहर आया था, लेकिन उसे फरवरी के अंतिम सप्ताह में वापस जेल जाना था, लेकिन वह जेल नहीं जाकर फरार हो गया.

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