पटना:राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में आपराधिक वारदातों में लगातार वृद्धि (Crime Report Of Bihar) हो रही है. आये दिन हत्या, लूट, अपहरण और दंगा जैसी घटनाओं में वृद्धि दिखाई दे रही है. बिहार के अन्य जिलों के मुकाबले राजधानी पटना भी सुरक्षित नहीं है. आये दिन हत्या जैसे वारदात को अपराधी लगातार अंजाम दे रहे हैं. बाढ़ अनुमंडल के पंडारक थाना अंतर्गत मीराचक गांव में 35 वर्षीय किसान महेंद्र यादव (पिता अर्जुन यादव) को गोलियों से भून दिया गया, जिससे मौके पर ही मौत हो गई. बताया जाता है कि महेंद्र यादव खेत की जुताई के लिए शाम में घर से निकले थे. इसी दौरान देर रात अपराधियों ने किसान को गोलियों से भून दिया और ट्रैक्टर लेकर फरार हो गए
ये भी पढ़ें: पटना में जमीन के कारोबारी की गोली मारकर हत्या, घर में मिला शव
पटना में बीते दिनों में कई मामले आए:एक अलग मामले में बीते देर शाम जिले के मोकामा थाना क्षेत्र के मदन छावनी, वार्ड नंबर 5 चौहरमल मंदिर के उत्तर खेत में एक अज्ञात महिला (35 वर्ष) का शव बरामद (Woman Dead Body Found In Patna) हुआ है. वहीं राजधानी पटना के दीघा थाना क्षेत्र में निराला नगर में पुलिस ने लावारिस शव को बरामद किया है. जिसकी पहचान करने में पुलिस जुटी हुई है. बीते 2 दिन पहले राजधानी पटना के सुलतानगंज थाना क्षेत्र के खजूरबना में समीरन नामक विवाहित महिला की गला दबाकर हत्या कर दी गई है. हालांकि इस मामले में पिता अब्दुल और भाई मोहम्मद मुजाहिद ने ससुराल पक्ष पर आरोप लगाया है. विगत दो दिन पहले पटना में लापता युवक जो दो सप्ताह से लापता था, उसका कंकाल बरामद हुआ है. युवक की पहचान दिनेश उर्फ सोनू के रूप में हुई है.
एडीजी ने की बातचीत: बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Jitendra Singh Gangwar) ने बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि कुछ मामलों में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है, तो कुछ मामलों में अपराध में कमी आई है. पुलिस लगातार अपराधियों को पकड़ कर उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाने का काम कर रही है. उन्होंने बताया कि साल 2022 के शुरुआती 6 महीने में अब तक सवा लाख से ज्यादा अपराधियों और अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई है, जिसमें से 4 हजार से अधिक कुख्यात शामिल है.
कुछ मामलों में आई कमी: पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर अगर ध्यान दे तो साल 2020 और 2021 के मुकाबले इस वर्ष के 6 महीने में ज्यादा कार्रवाई हुई है. पिछले 2 सालों की तुलना में 40% अधिक गिरफ्तारी की गई है. बिहार पुलिस मुख्यालय के मुताबिक वर्ष 2021 में पहले छमाही में 90,138 गिरफ्तारी हुई थी. वहीं वर्ष 2022 की इस अवधि तक गिरफ्तारी की संख्या 1,26,250 रही है. हालांकि कुख्यातों की गिरफ्तारी में कहीं ना कहीं कमी दर्ज हुई है. पिछले वर्ष जहां यह संख्या 4283 थी, वहीं इस वर्ष 4008 लोगों को अब तक पकड़ा गया है. बताया जाता है कि पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के मुताबिक कहीं ना कहीं इस वर्ष जून माह तक नक्सलियों की कम ही गिरफ्तारी हुई है. विगत 2 वर्षों के दौरान यह संख्या साल 2020 में 134 थी, तो वहीं 2022 में 116 से कम होकर 88 रह गई है.
ये भी पढ़ें-Murder in Hansi : पत्नी, बेटी गिड़गिड़ाते रहे और हमलावरों ने शख्स को मौत के घाट उतार दिया, CCTV में कैद हुई वारदात
बिहार क्राइम रेट इनसाइड स्टोरी: बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़े पर का ध्यान दें तो बिहार में अब तक जनवरी, फरवरी-मार्च, अप्रैल-मई, महीने में अब तक कुल 1,31,563 आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं. इन मामले में हत्या के 1236, डकैती के 106, रॉबरी के 1002, छिनतई के 1569, चोरी के 16599, सहित कई मामले दर्ज किये गये हैं. वहीं अगर बात की जाये तो साल 2020 और 2021 की तुलना में कुछ मामलों में बढ़ोतरी हुई है, तो कुछ मामलों में गिरावट भी दर्ज की गई है. हालांकि बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर पुलिस मुख्यालय का साफ तौर पर कहना है कि अपराधियों को पकड़ने और उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलवाने के काम में तत्पर रहने की आवश्यकता है.