पटना : मोदी सरकार का कैबिनेट विस्तार हो चुका है. वहीं अब इस पर राजनीति भी शुरु हो गई.भाकपा माले (CPIML) ने केंद्रीय कैबिनेट विस्तार (Modi Cabinet Expansion) पर तंज कसते हुए कहा कि जब इंजन ही फेल है सिर्फ डिब्बे बदलने से क्या फायदा होगा. भाकपा माले ने स्वास्थ्य व्यवस्था हो या फिर शिक्षा व्यवस्था ,पर्यावरण हो या श्रम कानून व न्याय सूचना और प्रसारण सारे ही विभागों के मंत्री महामारी के दौर में नकारा साबित हुए हैं.
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भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने मोदी कैबिनेट विस्तार पर निशाना साधते हुए कहा है कि महामारी के दौर में हर मोर्चे पर अपनी सरकार की विफलता को छुपाने के लिए बड़े पैमाने पर केंद्रीय कैबिनेट में बदलाव केंद्र सकार द्वारा बलि का बकरा ढूढ़ने की हताश कोशिश भर है. यही कारण है कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से पूरी तरह भागती हुई नजर आई. जो बदलाव हुए हैं और जिस तरह नए मंत्री बनाए गए हैं. उससे ना केवल चुनावी व सांगठनिक प्राथमिकताएं उजागर हो रही है. बल्कि अपनी नाकामियों को ना मानने की वह निर्लज्ज कोशिश भी साफ दिख रही है.