पटनाःलॉकडाउन के बीच घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों के बिगड़ते हालात के मद्देनजर बिहार प्रदेश कांग्रेस ने सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया. प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा के नेतृत्व में कांग्रेसी नेताओं ने सदाकत आश्रम के गेट पर प्रदर्शन किया.
ईटीवी भारत से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देश में मजदूरों के बदतर हालात के लिए वर्तमान सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीति पर सवाल खड़ा किए.
'छोटे व्यापारियों पर भी ध्यान दे सरकार'
कांग्रेस का मानना है कि जिस तरह से प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ आम जनता लगातार बेहाल हो रही है, उसके लिए केंद्र और राज्य की सरकार जिम्मेदार है. कांग्रेस ने सरकार से मांग कि है कि मजदूरों, दैनिक भत्ता पर काम करने वाले श्रमिकों के साथ-साथ छोटे व्यापारियों के लिए कई भी राहत कार्य करने चाहिए.
'यह वक्त राजनीति का नहीं है'
मदन मोहन झा ने ये भी कहा कि बिहार सरकार कांग्रेस को लिस्ट उपलब्ध कराए, पार्टी अपने खर्चे से उन्हें घर तक पहुंचाने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के मजदूरों और बेहाल जनता के लिए काम करना चाहती है. लेकिन केंद्र और राज्य की सरकार अपने घमंड के कारण मदद नहीं लेकर इन लोगों के साथ नाइंसाफी कर रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से सत्ता पक्ष इन मुद्दों पर लगातार राजनीति कर रही है, वह सरासर गलत है.
एक सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह वक्त राजनीति का नहीं है. सभी विपक्षी दल एक साथ हैं लेकिन जरूरत पड़ेगी तो एक मंच पर भी आएंगे.
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सत्ता पक्ष पर हमलावर हो रहा विपक्ष
गौरतलब है कि एक तरफ जहां बिहार की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी भी कई मुद्दों पर सरकार को घेर रही है तो वहीं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी सांकेतिक धरना कर मजदूरों के मामले पर सरकार को घेरा है.बिहार चुनावी साल में है और अब विपक्षी नेता लगातार सरकार पर हमलावर हो रहे हैं. जिस तरह से विपक्ष के नेता एक-एक कर सरकारी तंत्र पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, उससे लगने लगा है कि बिहार की सियासत गरमाना निश्चित है.