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देश के पहले व्हिसल ब्लोअर थे फिरोज गांधी, नेहरू के सामने संसद में मूंदड़ा घोटाले का किया था खुलासा

राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी ने अपने ही ससुर की सरकार में एक मंत्री के खिलाफ आरोप लगाया था और टीटी कृष्णामचारी की छुट्टी हो गई थी. प्रखर बुद्धिजीवी कृष्ण मेनन को भी आरोपों के कारण मंत्री पद छोड़ना पड़ा.

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Published : Sep 12, 2019, 5:46 PM IST

Updated : Sep 12, 2019, 10:24 PM IST

फाइल फोटो

पटना:आज पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी के पति स्वर्गीय फिरोज गांधी की जयंती है. वह पहले व्हिसलब्लोअर थे, जिनके चलते कई मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोप में इस्तीफा देना पड़ा था. लेकिन कांग्रेस ने उन्हें भुला दिया है ना तो उनकी जयंती मनाई जाती है और ना ही पुण्यतिथि.

कांग्रेस की सफाई
एच.के. वर्मा ने बताया कि कांग्रेस डॉ राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी,राजीव गांधी और श्री कृष्ण सिंह जयंती मनाती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जवाहरलाल नेहरू की बड़ी बहन विजयलक्ष्मी पंडित की भी जयंती नहीं मनाती है.

विपक्ष के आरोपों का खंडन
वर्मा ने कहा कि विपक्ष कितना भी कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाए, लेकिन कांग्रेस हमेशा से वैसे लोगों का सम्मान करती रही है. इनका योगदान आम आवाम के विकास में रहा हो. कांग्रेस फिरोज गांधी के व्यक्तित्व को कभी कम करके नहीं आंकती.

एचके वर्मा का बयान

इन विभूतियों का योगदान
उन्होंने कहा कि देश के विकास में इन विभूतियों का बड़ा योगदान है. स्वर्गीय इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने तो देश के विकास में अपनी आहुति तक दे डाली. वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के योगदान के बारे में पूरा विश्व जानता है. फिरोज गांधी एक अच्छे व्यक्तित्व के व्यक्ति थे, लोकसभा में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर प्रबलता से अपनी बातों को रखते थे. लेकिन उनकी पहचान इंदिरा गांधी के साथ विवाह होने के बाद ही हुई थी.

सांसद थे फिरोज गांधी
बता दें कि एक वक्त था, जब राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी ने अपने ही ससुर की सरकार में एक मंत्री के खिलाफ आरोप लगाया था और टीटी कृष्णामचारी की छुट्टी हो गई थी. प्रखर बुद्धिजीवी कृष्ण मेनन को भी आरोपों के कारण मंत्री पद छोड़ना पड़ा. तब के पेट्रोलियम मंत्री केशवदेव मालवीय विदेशी सौदे में विवाद के कारण हटा दिए गए थे.

पटना से रंजीत कुमार की रिपोर्ट

क्या था मूंदड़ा घोटाला
आजाद हिंदुस्तान का पहला वित्तीय घोटाला 1958 में हुआ था. इसे मूंदड़ा घोटाला भी कहा जाता है क्योंकि इसे अंजाम देने वाले का नाम हरिदास मूंदड़ा था. यह पहला घोटाला था जिसमें व्यापारी, अफसर और नेता की तिकड़ी शामिल थी. इससे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बड़ी किरकिरी हुई थी क्यूंकि इसे उजागर करने वाला और कोई नहीं उनके दामाद फिरोज गांधी थे. इसकी वजह से तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णामचारी को इस्तीफा देना पड़ा. हालांकि, नेहरू का इस घोटाले से कोई संबंध नहीं था पर इसकी वजह से नेहरू और फिरोज गांधी के रिश्ते सामान्य नहीं रह पाए.

कौन था हरिदास मूंदड़ा

  • हरिदास मूंदड़ा मारवाड़ी समुदाय से थे.
  • वे कोलकाता के एक व्यापारी और सटोरिया भी थे.
  • हरिदास पहले बल्ब बेचने का काम करते थे.
  • कंपनियों के शेयर्स में उनकी दिलचस्पी थी.
  • 1956 तक कई बड़ी कंपनियों में उनकी अच्छी-खासी हिस्सेदारी हो गई थी.
Last Updated : Sep 12, 2019, 10:24 PM IST

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