पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमारने एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान सीएम ने कहा कि वर्ष 2008 में कृषि रोडमैप की शुरूआत की गयी थी. जिसमें फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने के लिये कई कदम उठाये गए. राज्य में धान, गेहूं सहित कई फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता दोनों बढ़े हैं.
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'हमने फसल अधिप्राप्ति की व्यवस्था की'
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले राज्य में किसी फसल अधिप्राप्ति की कोई व्यवस्था नहीं थी. हमलोगों ने इसके लिये योजनाबद्ध तरीके से काम किया. जिसका परिणाम है कि इस वर्ष 35 लाख मीट्रिक टन धान अधिप्राप्ति हुई है. वहीं, 15 जून तक 3 लाख 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं अधिप्राप्ति हो जाएगी, यह बिहार के लिये एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि किसानों के बीच इस बात को प्रचारित करें कि राज्य सरकार अधिक से अधिक अधिप्राप्ति करना चाहती है ताकि इसका लाभ उन्हें मिले.
'पैक्सों की कार्य प्रणाली को बेहतर करें'
इस दौरान सीएम ने कहा कि धान और गेहूं की अधिप्राप्ति को अगले वर्ष से और बढ़ाना है. पूरे राज्य में क्षेत्रवार उत्पादन एवं उत्पादकता का अध्ययन कराकर उस आधार पर अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखें और उसे प्राप्त करें. ससमय एवं सघन अधिप्राप्ति के फलस्वरूप हमलोग अगले वर्ष धान एवं गेहूं की और अधिक अधिप्राप्ति कर पाएंंगे, इस लक्ष्य पर काम करना है. उन्होंने कहा कि अब तक के अनुभवों को आधार बनाते हुए बेहतर कार्ययोजना बनाकर कृषि विभाग, सहकारिता विभाग और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग समन्वय बनाकर कार्य करें.
नीतीश कुमार ने कहा कि पैक्सों की क्रियाशीलता और कार्य प्रणाली को और बेहतर बनाने के लिये कार्य करें. सहकारी समितियों और राज्य खाद्य निगम की भंडारण क्षमता में वृद्धि करने के उपाय करें. गोदाम की उपलब्धता, कस्टम मिल्ड राइस (CMR) एवं अधिप्राप्त गेहूं की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम को तेजी से हो, इसका एक सिस्टम बनाएं.