पटना: राज्य में अनुकंपा के आधार पर नौकरी मिलने के नियमों में नीतीश सरकार ने बड़ा बदलाव किया गया है. पटना हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बिहार सरकार ने नियमों में फेरबदल कर आदेश जारी किया है. बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने अनुकंपा के आधार पर नौकरी के आवेदन खारिज होने के मामले में सुनवाई के दौरान सरकार को नियमों में फेरबदल करने का निर्देश दिया था.
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महिला ने कोर्ट में लगायी थी न्याय की गुहार
दरअसल, 2013 में अनुकंपा के आधार पर एक महिला ने नौकरी के लिए आवेदन दिया था. महिला के पति सरकारी कर्मचारी थे. वह पिछले 8 वर्ष पूर्व 2008 से लापता थे. उसके आवेदन को सरकार ने यह कहकर खारिज कर दिया कि आवेदन देने में देरी की गई है. पहले सामान्य प्रशासन विभाग के नियम के अनुसार अनुकंपा के आधार नौकरी के लिए 5 वर्ष के अंदर ही आवेदन दिया जा सकता है. इसके बाद महिला ने हाईकोर्ट में न्याय की गुहार लगाई.
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सरकार को नियमों में बदलाव का निर्देश
पटना हाईकोर्ट में मामले पर सुनवाई के दौरान कहा भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 108 के तहत लापता व्यक्तियों के कानूनी रूप से मृत घोषित किए जाने की अवधि 7 साल की ही है. तो किस आधार पर इस तरह का नियम राज्य सरकार ने बनाया है. कोर्ट ने कहा कि लापता 7 वर्ष के पूर्व मृत्यु की पुष्टि के अभाव में कोई व्यक्ति किस तरह से अनुकंपा के आधार पर नौकरी मांग सकता है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया जिसमें कोर्ट ने कहा कि अनुकंपा पर नौकरी के आवेदन को लेकर सरकार को नियम में बदलाव करने की जरूरत है. उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के नियम में कई तरह के बदलाव किए हैं.
अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के नियमों में किए गए बदलाव :-
- लापता सरकारी सेवकों के आश्रितों द्वारा अब 12 वर्ष तक आवेदन दिया जा सकेगा.
- लापता होने की तिथि से 7 वर्ष की समाप्ति या सक्षम प्राधिकार द्वारा उसे मृत घोषित किए जाने के बाद ही मान्य होगा.
- मृत घोषित किए जाने के 5 वर्षों तक अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया जा सकेगा.
- लापता सरकारी कर्मचारी का आश्रित अगर नाबालिग हैं तो बालिग होने तक आवेदन कर सकेगा.
- 12 वर्ष तक भी वे बालिग नहीं होगा तो विशेष परिस्थिति में बालिग होने तक वे आवेदन कर सकेगा.
- लापता सरकारी कर्मचारी के आश्रित के बालिग होने के 1 वर्ष के भीतर आवेदन करना अनिवार्य होगा.