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पटना यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंशियल डिबेट: सभी ने कहा- 'मैं जीतकर आऊंगा तो..' जानिए प्रत्याशियों के दावे

पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव को लेकर चल रहे प्रचार के अंतिम दिन प्रेसिडेंशियल डिबेट कराया गया. जसमें अध्यक्ष पद के सभी उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया और कई दावे किए. पढ़ें पूरी खबर.

पटना यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंशियल डिबेट
पटना यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंशियल डिबेट

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Published : Nov 17, 2022, 4:34 PM IST

Updated : Nov 17, 2022, 8:05 PM IST

पटना:राजधानी के पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव (Student Union Election In Patna University) चल रहा है. 19 नवंबर को चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे और उसी दिन शाम को परिणाम घोषित किए जाएंगे. चुनाव को लेकर प्रचार का आज अंतिम दिन है. अंतिम दिन प्रेसिडेंशियल डिबेट का आयोजन किया गया, जिसमें अध्यक्ष पद के सभी उम्मीदवार शामिल हुए और अपनी-अपनी बात कही.

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कोई दूसरा नहीं करेगा संघर्ष: जन अधिकार छात्र परिषद के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार दीपांकर प्रकाश ने कहा कि 'संघर्ष करने वाला यहां, उनको छोड़कर कोई दूसरा नहीं है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जब आए थे तब पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग उठी थी लेकिन उन्होंने दर्जा नहीं दिया. वह अपनी बहनों को सबसे पहले सुरक्षा दिलाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि गोलगप्पा फ्री कराकर झांसा दिया जा रहा है.

"ऑडी और फॉर्च्यूनर कार कल्चर नहीं चलेगा. यह सब संघर्ष पर भारी पड़ेगा. मैं इतिहास लिखूंगा. किसी की हवाबाजी नहीं चलेगी. सभी हवा में रह जाएंगे और संघर्ष करने वाला ही जीतेगा. मैट्रो का काम चल रहा है, इसमें पटना यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राओं को फ्री में आने-जाने की सुविधा दिलवा दूंगा. 24 घंटे लाइब्रेरी खुलेगी. स्टूडेंट्स पर पर कभी फर्जी मुकदमा नहीं होने दूंगा."- दीपांकर प्रकाश, अध्यक्ष पद के उम्मीदवार, जाप

आइसा छात्र संगठन के आदित्य रंजन ने पढा शेर:तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर यह आंकड़े झूठे हैं. यह दावा किताबी है. आदित्य रंजन ने आगे कहा कि केंद्र राज्य सरकार दोनों ही शिक्षा व्यवस्था को नष्ट करने में लगी है, लाइब्रेरी 24 घंटे सातों दिन नहीं खुलती, किताबें भी अपग्रेड नहीं है. पीएचडी रिसर्च पटना यूनिवर्सिटी में 3 साल से लंबित है. आईशा ने इन तमाम सवालों के लिए आंदोलन किया है और आने के बाद हम आंदोलन तेज करेंगे.

"पीएचडी की परीक्षा नियमित संचालित की जाएगी. पटना यूनिवर्सिटी का अपना रिसर्च पब्लिकेशन होगा. विश्वविद्यालय में जेंडर सेल बनाया जाए, सेनेटरी पैड मुफ्त उपलब्ध कराएंगे. विमेंस कॉलेज में मोबाइल की अनुमति दिलाएंगे, क्योंकि मोबाइल पर रोक लगाना लड़कियों के साथ पितृसत्तात्मक रवैया है. शिक्षकों और कर्मचारियों की बहाली भी करवाएंगे."-आदित्य रंजन,अध्यक्ष पद के उम्मीदवार, आईसा

हेल्थ की सभी सुविधा होगी बहाल: अध्यक्ष पद की निर्दलीय उम्मीदवार मानसी झा ने कहा कि 'मैं एक साधारण परिवार से आती हूं. बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हूं और लगातार छात्र-छात्राओं के लिए काम करती रही हूं. अब हवाएं करेंगी रोशनी का फैसला, जिस दिए में होगी ताकत वही रह जाएगा. मानसी ने आगे कहा कि हमारे पटना यूनिवर्सिटी का गौरव खत्म होता जा रहा है. पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देना चाहिए. इसका गौरव वापस होना चाहिए और मैं इसका गौरव वापस लाऊंगी. 24 घंटे सेंट्रल लाइब्रेरी खोली जाएगी. सेनेटरी पैड की सुविधा मिलेगी. हेल्थ की बाकी सुविधाएं भी बहाल होगी.

गोली और बम से नहीं हैं डरने वाले: छात्र जदयू के आनंद मोहन ने भाषण पढ़ते हुए कहा कि नामांकन के बाद मुझ पर हमले हो रहे हैं, लेकिन हम इस सब से डरने वाले नहीं हैं. कलम-कॉपी उठाइए पिस्तौल नहीं, उन्होंने कहा कि सेनेटरी पैड के लिए काम करूंगा. मगध महिला छात्रावास की तरह बाकी जगह भी छात्रावास बनवाऊंगा, पटना यूनिवर्सिटी का पुराना गौरव वापस लौटाऊंगा. कैंपस में जल्दी से जल्दी वाई-फाई की सुविधा लगवाऊंगा. पटना यूनिवर्सिटी में MFA पढ़ाई शुरू कराऊंगा. गोली और बम से डरने वाले नहीं हैं.

एबीवीपी के लिए छात्राओं की सुरक्षा अहम मुद्दा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार प्रगति राज ने भारत माता की जय से अपने भाषण की शुरुआत की और कहा कि 19 नवंबर को छात्र संघ चुनाव की वोटिंग होनी है और इसी दिन झांसी की रानी की जयंती भी है. उन्होंने कहा कि खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पदों पर महिला उम्मीदवार उतारा है. उनके लिए कॉलेज में छात्राओं की सुरक्षा अहम मुद्दा होगा.

छात्रों के हित में उठाई है आवाज: प्रगति राज ने कहा कि वो सालों भर छात्र-छात्राओं के हित में आवाज उठाई है, ऐसे में कॉलेज में सबसे ज्यादा अभी के समय दो चीजें जरूरी है. पहला प्रोफेसर की स्थाई नियुक्ति है और दूसरा लाइब्रेरी का अपग्रेडेशन. लाइब्रेरी में अपडेटेड किताब चाहिए और चौबीसों घंटे छात्र छात्राओं के लिए इसे खुला रहना चाहिए, इसके लिए वह काम करेंगे. कॉलेज में प्रोफेसर की काफी कमी है, जिस वजह से क्लास नहीं चल पाती हैं.

कॉलेजों में खुलवाएंगे कैंटिंन: एबीवीपी के उम्मीदवार ने कहा कि पटना यूनिवर्सिटी की गरिमा जिन लोगों ने खत्म कर दी, उन्हें यह कहना चाहिए कि केंद्र सरकार इसे गोद ले-ले. विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं की बेसिक जरूरतों की पूर्ति पर ध्यान देने की आवश्यकता है. जिसमें कॉलेज में कैंटीन खुलवाने के लिए वह काम करेंगी.

छात्र के हक में आवाज उठाएगी राजद: राजद से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार साकेत कुमार ने कहा कि कॉलेज कैंपस में वह छात्र-छात्राओं की सुरक्षा चाहते हैं. लाइब्रेरी का अपडेशन बेहद जरूरी है और वह 24 घंटे लाइब्रेरी खुलवाने का काम करेंगे. विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने के लिए वह आवाज उठाएंगे. विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं की हक की आवाज उठाएंगे और उनके लिए लड़ाई लड़ेंगे.

नहीं चलेगी पैसे की राजनीति:एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शाश्वत शेखर ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राएं अपनी मेधा के आधार पर पहुंचते हैं, लेकिन छात्र संघ चुनाव में धन-बल का बोलबाला दिख रहा है. पैसे की राजनीति चल रही है और नेपोटिज्म फैलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पैसे की राजनीति नहीं चलेगी और क्रांति की लहर उठेगी.

छात्रों के बीच रहकर करेंगे काम: शाश्वत शेखर ने विश्वविद्यालय के अधिकारियों के ऊपर आरोप लगाया कि यहां घोटाला हो रहा है और कागज पर सब कुछ ठीक-ठाक दिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर वह अध्यक्ष पद जीतकर आते हैं, तो सभी घोटालों को बाहर निकालेंगे और छात्रों को जो मिलना चाहिए, उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे. वह लॉ कॉलेज के छात्र हैं. इसलिए तमाम घोटालों पर उनकी नजर है और वह छात्र संघ के कमरे में बैठकर काम नहीं करेंगे, बल्कि छात्रों के लिए उनके बीच से रहकर काम करेंगे.

19 नवंबर को होगा मतदान: डिबेट खत्म होने के बाद विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर अनिल कुमार ने बताया कि 19 नवंबर को सभी छात्र अपने कॉलेज में पहुंचकर मतदान करें, क्योंकि यह उनका अधिकार है. मतदान केंद्र पर 5 बैलट बॉक्स सेंट्रल पैनल के होंगे. जबकि कॉलेज काउंसलर के पद के लिए एक बैलट बॉक्स होगा. छात्रों को जिन्हें वोट करना है, पेपर में उनके नाम और नंबर के ठीक सामने में क्रॉस 'X' का मार्क करेंगे.

उम्मीदवार के नाम के आगे लगाएं क्रॉस का निशान: डीन ने कहा कि छात्र अगर क्रॉस के अलावा यदि वह कोई अन्य साइन करते हैं जैसे टीक ✓ करते हैं तो वोट इनवेलिड हो जाएगा. इसके अलावा यदि दो उम्मीदवारों के नाम के बीच में क्रॉस किया गया है, तो वह भी वोट इनवेलिड होगा. इसलिए वोटिंग के वक्त इस बात का ध्यान रखें कि जिसे वोट करना है, उसके ठीक सामने ही क्रॉस करें. मतदान में शांतिपूर्ण तरीके से भाग लेंगे और मतगणना कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ्ट में होगी.

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Last Updated : Nov 17, 2022, 8:05 PM IST

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