पटना : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव तीसरी बार जब ईडी के समन के बावजूद पेश नहीं हुए तो सुशील मोदी ने उनपर निशाना साधा. सुशील मोदी ने कहा कि रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले में उन्हें देर सवेर ईडी के सवालों का तथ्यपरक जवाब देना होगा. इस मामले में कोई भी राजनीतिक बयान काम नहीं आएंगे. न वे बार-बार दिए जा रहे समन पर गैरमौजूद रहकर बच सकते हैं.
'कब तक बच पाएंगे तेजस्वी?' : बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि भले ही तेजस्वी यादव को आस्ट्रेलिया जाने के लिए ईडी से कुछ दिन राहत मिल गई, या तारीख पर तारीख लेकर थोड़े दिन और खैर मना लें, लेकिन उन्हें देश की जांच एजेंसियों को बताना ही होगा कि ये अमित कात्याल कौन है? जिसकी कंपनी ने रेलवे में नौकरी पाने वालों की जमीन खरीदी?
''तेजस्वी यादव को बताना होगा कि वे दिल्ली में न्यू फ्रेंड्स कालोनी के 150 करोड़ के मकान डी-1088 के मालिक कैसे बन गए. कौन हैं हृदयानंद चौधरी, जिन्होंने रेलवे के ग्रुप-डी की नौकरी पाने के बदले अपनी कीमती जमीन राबड़ी देवी और हेमा यादव को गिफ्ट कर दी?''- सुशील मोदी, बीजेपी सांसद, राज्यसभा
'राजनीतिक बयानों से ईडी की जांच पर असर नहीं': उन्होंने कहा कि तेजस्वी के राजनीतिक बयानों से ईडी की जांच प्रक्रिया और परिणाम पर कोई असर पड़ने वाला नहीं हैं, लेकिन उसका ताजा सम्मन जारी होने का असर यह है कि तेजस्वी यादव फिर मुख्यमंत्री की ओर लौट रहे हैं। वे 20 दिन से नीतीश कुमार के साथ मंच साझा नहीं कर रहे थे।
''नौकरी के बदले जमीन मामले में जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने सीबीआई को पुख्ता सबूत उपलब्ध कराये थे. यह सब नीतीश कुमार के इशारे पर हुआ था. इन्हीं कागजों के आधार पर सीबीआई ने आरोपपत्र दायर किया. राबड़ी-तेजस्वी समेत कई लोगों को जमानत लेनी पड़ी.''- सुशील मोदी, बीजेपी सांसद, राज्यसभा
ईडी कर रहा नौकरी के बदले जमीन घोटाले की जांच : मोदी ने कहा कि सीबीआई के आरोपपत्र दायर करने और इस आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई से लालू परिवार पर दबाव बढ़ा है. एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मालिक अमित कात्याल की गिरफ्तारी के बाद परिवार पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया जाने की परमीशन दे दी.
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