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धर्म के ठेकेदारों वाले ट्वीट पर BJP का चौतरफा हमला, कहा- वोट बैंक की राजनीति कर रहे मांझी

बिहार में स्कूली शिक्षा के सिलेबस में धर्म की शिक्षा को शामिल करने की मांग जो उठी उसे लेकर विवाद गहराता जा रहा है. धर्म की पढ़ाई के नाम पर मांझी का विवादित बयान बीजेपी के लिए नाकाबिले बरदाश्त साबित हुआ और बीजेपी ने मांझी को आड़े हाथों लिया. अब ये लड़ाई वोट बैंक की राजनीति तक पहुंच गई है. पढ़ें पूरी खबर-

जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी

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Published : Sep 23, 2021, 4:43 PM IST

पटनाः भगवान राम पर मांझी के दिए गए विवादित बयान (Controversial Statement) को लेकर भाजपा और हम पार्टी के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भगवान राम (Lord Ram) के अस्तित्व पर सवाल खड़ेकर बड़ा विवाद तो खड़ा किया ही, अब उन्होंने ट्वीट के माध्यम से एक बार फिर बीजेपी नेताओं पर तंज कसा है. जिसके बाद भाजपा नेताओं ने मांझी पर चौतरफा हमला बोल दिया है.

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जीतन राम मांझी के बयान ने बिहार का सियासी पारा चढ़ा दिया है. मांझी ने भगवान राम को लेकर जो टिप्पणी की उससे भाजपा खेमे में बेचैनी है. जीतन राम मांझी ने भगवान राम पर दिए गए बयान के बाद फिर एक और ट्वीट किया है. ट्वीट में मांझी ने कहा है कि धर्म के ठेकेदारों को यह पसंद नहीं है कि दलित मंदिर में जाए और दलित धार्मिक काव्य पर टिप्पणी करे.

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मांझी का जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा है कि हिंदू धर्म में दलितों का सम्मान है. भगवान राम ने भी शबरी के जूठे बेर खाए थे. जिन्होंने रामायण की रचना की थी. वह भी दलित थे. लेकिन जीतन राम मांझी को वोट बैंक की राजनीति करनी है लिहाजा वह अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं.

'भगवान राम की सत्ता को खारिज करने वाला अल्प ज्ञानी है. मंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने प्रभु राम के 500 वर्ष के विवाद को समाप्त किया. हमारे संविधान में भी भगवान राम और हनुमान की तस्वीर है. संविधान निर्माताओं ने भी राम की सत्ता को स्वीकारा है और अगर ऐसे में कोई भगवान राम को नकार रहा है तो सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है'प्रमोद कुमार, कानून मंत्री

इससे पहले बीजेपी के विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल ने भी कहा था कि मांझी हमारे गार्जियन हैं. लेकिन जिस तरह का बयान उन्होंने दिया है, वह अच्छी बात नहीं है. उनके माता-पिता ने राम के अस्तित्व को समझकर ही उनके नाम के साथ जीतन राम मांझी लगाया था. जब यह बात मांझी नहीं जानते हैं तो उनका नाम जीतन राक्षस मांझी होना चाहिए था.

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अपने ट्वीट में मांझी ने धर्म के ठेकेदारों वाली बात कहकर भाजपा के उन नेताओं पर तंज कसा है जिन्होंने भगवान राम और रामायण पर बयानबाजी करने के बाद मांझी पर पलटवार किया था.

बता दें कि जीतन राम मांझी ने प्रभु राम के अस्तित्व को काल्पनिक बताते हुए कहा था कि श्रीराम कोई जीवित और महापुरुष थे, ऐसा मैं नहीं मानता हूं. हालांकि रामायण में जो बातें बताई गईं हैं, वो सीखने लायक हैं. महिलाओं की बात हो या फिर अपने से बड़ों के आदर और सम्मान की बात हो, रामायण हमें शिक्षा देती है. मांझी के इस बयान पर बिहार में बीजेपी और हम अमने सामने आ गए हैं और ये लड़ाई थमती नजर नहीं आ रही है.

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दरअसल भगवान राम के अस्तित्व पर बयानबाजी मांझी ने उस वक्त की थी, जब बिहार के बीजेपी नेताओं ने मध्य प्रदेश के तर्ज पर बिहार की भी स्कूली शिक्षा में रमायण, महाभारत और गीता को शामिल करने की बात कही थी. लेकिन बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने साफ कर दिया कि अभी बिहार में धर्म की शिक्षा को सिलेबस में शामिल करने का कोई विचार नहीं है और ना ही इसके लिए कोई प्रस्ताव आया है.

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