पटना: बिहार राज्य फिल्म विकास निगम का दफ्तर पटना के गांधी मैदान के पास मॉरिसन बिल्डिंग में चल रहा है. ईटीवी भारत की टीम जब यहां पहुंची तो सलाहकार के साथ इक्के-दुक्के लोग ही यहां नजर आए. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर बिहार में बॉलीवुड फिल्मों और क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों के निर्माण के लिए फिल्म विकास निगम क्या कर रहा है?
जानकारी के मुताबिक फिल्म विकास निगम बिहार में क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों और एक फिल्म सिटी के सपने को लेकर स्थापित किया गया था. इसका उद्देश्य था कि फिल्मकारों को बिहार में शूटिंग के लिए आकर्षित किया जाए. उन्हें फिल्म बनाने से जुड़ी हर सुविधा प्रदान की जाए ताकि स्थानीय स्तर पर फिल्म और फिल्म से जुड़े अन्य विभागों का एक माहौल स्थापित हो. लेकिन, फिल्म विकास निगम पूरी तरह फेल नजर आ रहा है.
फिल्म निर्माताओं की पूरी नहीं हुई उम्मीद
कलाकारों और फिल्मकारों का कहना है कि कहीं ना कहीं फिल्म विकास निगम अपने उद्देश्य में पिछड़ रहा है. फिल्म निर्माता प्रणव प्रताप शाही कहते हैं कि सालों से निगम सुस्त पड़ा हुआ है. कोई खास आयोजन भी नहीं किया जा रहा है. पटना में फिल्म फेस्टिवल कराने की योजना भी फ्लॉप साबित हुई.