पटना: बिहार में अभी केके पाठक और शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का मुद्दा शांत भी नहीं हुआ था कि महागठबंधन के बीच एक और बखेड़ा शुरू हो गया. इस बार मामला राजस्व भूमि सुधार विभाग से जुड़ा हुआ है. दरअसल 30 जून 2023 को राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता की ओर से 400 से ज्यादा कर्मचारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग की गई थी. जिसे बिहार सरकार ने रद्द कर दिया.
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राजस्व मंत्री द्वारा किए गए ट्रांसफर पोस्टिंग रद्द: सरकार के आदेश में कहा गया है कि ''बिहार राजस्व सेवा के राजस्व अधिकारी एवं समकक्ष पद तथा अंचल अधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, चकबंदी पदाधिकारी, कानूनगो, सहायक चकबंदी पदाधिकारी पद पर पदाधिकारियों के स्थानांतरण पदस्थापन से संबंधित चार अधिसूचना 30 जून को जारी की गई थी .उसे तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाता है.''
400 से ज्यादा अफसर और कर्मचारियों की रुकी ट्रांसफर पोस्टिंग : सरकार के इस आदेश के आते ही सियासी बवाल मच गया. इसके पहले भी जब एनडीए सरकार थी तब बीजेपी कोटे के मंत्री रामसूरत राय के साथ भी यही हुआ था. उनके आदेश को नीतीश ने रद्द कर ट्रांसफर पोस्टिंग पर रोक लगा दी थी. अब भूमि सुधार और राजस्व विभाग की ओर से अधिसूचना को जारी कर दिया गया है.
लालू यादव के नजदीकी हैं आलोक मेहता: बता दें कि आलोक मेहता लालू के काफी नजदीकी मंत्री हैं. उनके फैसले को पलट देने से कहीं न कहीं बड़ी बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं. इस मामले में बीजेपी वेट एंड वॉच की मुद्रा में है.