पटनाःएक फरवरी कोआम बजट 2022 (Union Budget 2022) पेश किया जाएगा. बजट आने से पहले अलग-अलग सेक्टर ने काफी उम्मीदें लगा रखी हैं. एग्रीकल्चर हो या रियल एस्टेट सेक्टर, हेल्थ सेक्टर हो या फिर नौकरीपेशा, सभी को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें हैं. वहीं बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज और बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (Bihar Industrialist Hopes From Union Budget) दोनों का कहना है कि बिहार को अगर स्पेशल स्टेट्स नहीं मिल सकता तो उसके बराबर विशेष पैकेज ही दिया जाए. बिहार हर सेक्टर में पिछड़ा है और इसे केंद्र से अधिक मदद की जरूरत है.
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कोरोना महामारी झेलने के बाद लोगों को आम बजट 2022 से काफी उम्मीदें है. महामारी के चलते जहां युवाओं की नौकरी गई, व्यपारियों का कारोबार ठप हो गया. ऐसे में परेशान व्यपारी इस बार 1 फरवरी को आ रहे बजट से आस लगाए बैठे हैं. हलाकि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत, रसोई गैस में वृद्धि और मंहगाई से भी लोग परेशान हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि व्यापारियों को सरकार की ओर कुछ सुविधाएं मिलने की उम्मीद है. पहले से संकट में चल रहे व्यपारियों को कोविड-19 महामारी की वजह से दोहरी मार पड़ी है. बजट में टैक्स में राहत और बैंकों से दिए गए लोन के ब्याज में राहत मिलनी चाहिए.
'बिहार में बड़े पैमाने पर व्यापारियों को क्षति हुई है. ऐसे में बिहार को स्पेशल दर्जा मिलना चाहिए या स्पेशल पैकेज मिलना चाहिए. इसकी मांग रखी गई है, स्पेशल दर्जा नहीं मिल सकता तो स्पेशल पैकेज दिया जाना चाहिए. तब जाकर बिहार उद्योग के मामले में अग्रसर होगा. यहां के उद्योगपती जो कोरोना काल में टूट चुके हैं, उनको राहत मिलेगी'- पीके अग्रवाल, अध्यक्ष, बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स