बिहार

bihar

बिहार विधान परिषद की 20 सीटों पर कोरोना का 'ग्रहण', आयोग के लिए चुनाव कराना बड़ी चुनौती

By

Published : Jul 26, 2020, 6:02 PM IST

बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर अक्टूबर-नवंबर में चुनाव संभावित है. लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और लगातार हो रहे मौत के बाद विधान परिषद के 8 सीटों पर ही चुनाव आयोग नहीं करवा पा रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि विधानसभा के सभी 243 सीटों पर चुनाव कैसे संचालित करेगा.

देखें पूरी रिपोर्ट
देखें पूरी रिपोर्ट

पटना: बिहार विधान परिषद के शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की 8 सीटों पर चुनाव होने हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव आयोग अब तक फैसला नहीं ले पा रहा है. जबकि बिहार सरकार की ओर से जल्द चुनाव कराने के लिए पत्र भी लिखा गया है. वहीं राज्यपाल कोटे से 12 सीटों को लेकर भी नीतीश कुमार फैसला नहीं कर पा रहे हैं.

पिछले दिनों बीजेपी नेताओं के साथ बैठक हुई थी. जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि सब कुछ तय हो जाएगा. लेकिन कोरोना संक्रमण का असर राज्यपाल कोटे से भरे जाने वाली सीटों पर भी पड़ा है.

2 महीने बाद भी नहीं हुआ चुनाव
विधान परिषद के शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चयनित विधान पार्षदों का कार्यकाल मई में ही समाप्त हो चुका है. तो वहीं राज्यपाल कोटे से भेजे गए विधान पार्षदों का कार्यकाल 23 जून को समाप्त हुआ है. राज्यपाल कोटे की दो सीट पहले से ही खाली थी और 10 सदस्यों का कार्यकाल 23 जून को पूरा हुआ है.

देखें पूरी रिपोर्ट

जेडीयू के थे सभी मनोनीत किए गएसदस्य
इसमें राम लखन, राम रमण, विजय कुमार मिश्रा, राना गंगेश्वर सिंह, जावेद इकबाल अंसारी, शिव प्रसन्न यादव, संजय कुमार सिंह, रामबचन राय, ललन कुमार सराफ, रणवीर नंदन और रामचंद्र भारती हैं. 2014 में सभी 12 मनोनीत किए गए सदस्य जेडीयू के ही थे. वहीं एक सीट ललन सिंह के सांसद बनने और दूसरी सीट नरेंद्र सिंह की सदस्यता रद्द कर देने के कारण खाली हुई थी. उसके बाद लोजपा के पशुपति कुमार पारस को मौका मिला था. लेकिन वह भी लोकसभा में चुने गए, तो दोनों सीट पिछले साल से ही खाली है.

नीरज कुमार, मंत्री, बिहार सरकार

दो मंत्री अभी नहीं हैं किसी सदन के सदस्य
राज्यपाल कोटे के 12 विधान परिषद सीटों पर बैठकों के बावजूद फैसला नहीं हो पाया है, तो वहीं शिक्षक और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जिन लोगों का सीट खाली हुआ है. उसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, जेडीयू मंत्री नीरज कुमार और दिलीप चौधरी, सीपीआई के केदार पांडेय और संजय सिंह, बीजेपी के नवल किशोर यादव प्रमुख रूप से हैं. वहीं बिहार सरकार के दो मंत्री अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं. जिनमें से एक अशोक चौधरी और दूसरे नीरज कुमार है.

अशोक चौधरी, मंत्री, बिहार सरकार

'हम हमेशा रहते हैं तैयार'
दरअसल, अशोक चौधरी का राज्यपाल कोटे से विधान परिषद जाना तय है, तो वहीं नीरज कुमार का स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ना तय है. लेकिन चुनाव आयोग ने अब तक फैसला नहीं लिया है. जबकि बिहार सरकार की ओर से जल्द चुनाव कराने के लिए पत्र भी लिखा गया था.

वहीं नवल यादव भी लगातार पटना शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतते रहे हैं. इस बार भी बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़ेंगे. नवल किशोर यादव ने कहा कि हम हमेशा तैयार रहते हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव होगा ही कोई रोक नहीं सकता है. लेकिन कोरोना महामारी पर नियंत्रण के 15 दिन बाद ही चुनाव हो जाएगा.

नवल किशोर यादव, नेता, बीजेपी

शिक्षक और स्नातक चुनाव आयोग के लिए बने चुनौती
बिहार विधानसभा की 243 सीटों पर अक्टूबर-नवंबर में चुनाव संभावित है. लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और लगातार हो रहे मौत के बाद विधान परिषद के 8 सीटों पर ही चुनाव आयोग नहीं करवा पा रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि विधानसभा के सभी 243 सीटों पर चुनाव कैसे संचालित करेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details