पटना: 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर जहां पार्टियां गठबंधन का पेंच सुलझाने में जुटी है. वहीं, विभिन्न पार्टियों के बाहुबली भी अपने नए ठिकाने की तलाश में लग गए हैं. इसके लिए लगातार वो पार्टी दफ्तर और आलाकमानों के दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं. कई पार्टियों ने इनके लिए नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया है, तो कुछ ने अभी हरी झंडी नहीं दिखाई है.
बिहार में 40 लोकसभा सीट है और तकरीबन एक दर्जन से अधिक बाहुबली नेता चुनावी समर में कूदने के लिए तैयार हैं. जाहिर है ऐसे नेताओं के पास बाहुबल और धनबल की कोई कमी नहीं है. बावजूद इसके खुले हाथों से इन्हें कोई भी स्वीकार करने को तैयार नहीं है. कई पार्टियों में इन नेताओं की बात चल रही है, लेकिन अब तक सीधे तौर पर किसी की बात नहीं बन पायी है.
बाहुबलियों की नहीं हो रही पूछ
एक वक्त था, जब बिहार में बाहुबलियों का राज हुआ करता था. ये लोग जिस पार्टी से चाहते थे, चुनाव लड़कर जीत जाते थे. लेकिन अब उन्हीं बाहुबलियों को चुनावी समर में उतरने के लिए पार्टी दफ्तर और आलाकमान के दरबार में कई बार हाजिरी लगानी पड़ रही है.
कांग्रेस में नया ठिकाना तलाश रहे बाहुबली
तकरीबन आधा दर्जन बाहुबली कांग्रेस के संपर्क में हैं. हालांकि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा है कि इसका निर्णय पार्टी आलाकमान लेगी और अगर जरूरत पड़ी तो टिकट बंटवारे के मसले पर वे अपनी राय पार्टी आलाकमान को जरूर देंगे. बाहुबलियों के नाम पर झा ने कहा कि मुझे नहीं पता कि बाहुबली कौन है? जो भी लोग कांग्रेस और राहुल गांधी में अपनी आस्था व्यक्त कर रहे हैं, उन्हें पार्टी में शामिल कराया जा रहा है. कई ऐसे सांसद और विधायक भी पार्टी के संपर्क में है, जो कई बार से चुनाव जीत रहे हैं.
आरजेडी में बाहुबलियों की नो एंट्री
वहीं, राजद नेता विजय प्रकाश का साफ तौर पर कहना है कि राजद में किसी भी बाहुबली और अपराधी छवि वाले नेताओं की एंट्री नहीं है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर तेजस्वी यादव ने कई बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया है. आरजेडी नेता का कहना है कि जब से सरकार में नीतीश कुमार आए हैं, तब से बाहुबलियों और अपराधियों का राजनीति में सक्रियता बढ़ गई है.
लोजपा को बाहुबलियों से गुरेज नहीं
इधर, बाहुबलियों के नाम पर लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति पारस बिल्कुल निश्चिंत हैं. उनका कहना है कि समय आने पर सभी चीजें तय होंगी. बाहुबली को टिकट देने के नाम पर उन्होंने कहा कि जब नॉमिनेशन का वक्त आएगा, तब यह तय किया जाएगा. गौरतलब है कि लोजपा पूर्व में भी बाहुबलियों को टिकट देने में अव्वल रही है.
टिकट की तलाश में भटक रहे हैं ये बाहुबली:
1. अनंत सिंह (मोकामा विधायक)
बिहार में बाहुबलियों में सबसे उपर अनंत सिंह का नाम सार्वजनिक है. अनंत सिंह 2015 में जेल में रहते हुये मोकामा से निर्दलीय विधायक बने. वह मुंगेर से कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने का कई बार दावा पेश कर चुके हैं. पिछले दिनों कांग्रेस की जन आकांक्षा रैली में भी उन्होंने जोर शोर से भाग लिया था, लेकिन वह मंच पर दिखाई नहीं दिए थे. अभी तक अनंत सिंह के टिकट को लेकर कांग्रेस ने कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है. वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने इनकी एंट्री पर रोक लगा रखी है.
2. पप्पू यादव (मधेपुरा सांसद)
राजीव रंजन उर्फ पप्पू यादव राजद के टिकट से 2014 में मधेपुरा से सांसद बने. चंद महीनों बाद ही उन्होंने आरजेडी से अलग होकर अपनी पार्टी बना ली. 2015 के विधानसभा चुनाव में पप्पू यादव की पार्टी ने कई जगह से अपने उम्मीदवार खड़े किए थे, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत पाए. अभी पप्पू यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है. कई बार उन्होंने अपने बयानों में कांग्रेस की टिकट पर पूर्णिया सीट से दावा ठोका है. पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन सुपौल से कांग्रेस की सांसद हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय कांग्रेस की तरफ से नहीं लिया गया है.
3. रमा किशोर सिंह (वैशाली सांसद)
रामा किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह वैशाली से लोजपा के सांसद हैं. रामा सिंह राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह को हराकर 2014 में संसद पहुंचे थे. पिछले दिनों टिकट के लिए रामा सिंह भी रांची के रिम्स अस्पताल में लालू दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं. जानकारी मिल रही है कि रामा सिंह राजद के टिकट से शिवहर लोकसभा से दावा पेश करना चाह रहे हैं. हालांकि ये देखना होगा कि बाहुबलियों पर नो एंट्री लगाने वाली आरजेडी क्या रामा सिंह को टिकट देती है. क्योंकि लालू यादव कई बार रामा सिंह को हिस्ट्रीशीटर कहते रहे हैं.
4. सरफराज आलम (अररिया सांसद)
सरफराज आलम स्व.मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के बेटे हैं. पहले यह जेडीयू से जोकीहाट के विधायक थे. तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद राजद के टिकट पर वो अररिया से उपचुनाव जीतकर सांसद बनें. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी इनकी दावेदारी प्रबल मानी जा रही है. हालांकि पिछले दिनों सरफराज आलम पर ट्रेन में एक महिला के साथ छेड़खानी करने का आरोप लगा था.