पटना(बाढ़): राजधानी के बाढ़ विधानसभा सीट पर 15 सालों से काबिज विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू को शनिवार को आम जनता के विरोध का सामना करना पड़ा. विधायक 3 करोड़ की लागत से बाढ़ के उमानाथ धाम का विकास और सौंदर्यीकरण का शिलान्यास करने उमानाथ धाम पहुंचे थे. इसी दौरान उमानाथ धाम के रास्ते में बांस-बल्ली लगाकर लोगों ने सड़क जाम कर दिया. इसके बाद विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
पटना: शिलान्यास करने पहुंचे बाढ़ विधायक का हुआ विरोध
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनितिक पार्टियों ने तैयारियां तेज कर दी है. ऐसे में बाढ़ विधानसभा सीट से विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने उमानाथ धाम का शिलान्यास करने पहुंचे. जहां उन्हे भारी विरोध का सामना करना पड़ा.
विधायक के खिलाफ नारेबाजी
विधायकों उमानाथ धाम में महीनों से हुए जलजमाव का भी सामना करना पड़ा. वहां भी स्थानीय लोग विरोधी तेवर दिखाते नजर आए. लोगों का कहना है कि उमानाथ धाम में बरसों से बनकर तैयार सामुदायिक सुलभ शौचालय का शनिवार को विधायक के आगमन पर बाढ़ नगर परिषद ने दरवाजा खोला है. जिसको लेकर लोगों में नराजगी है. वहीं, लोगों के हंगामे की बीच विधायक ने शिलान्यास कार्यक्रम को संपन्न किया इस दौरान विधायक सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने के निर्देश की धज्जियां उड़ाते नजर आए. जनता को संबोधित करने के लिए बनाए गए मंच पर भी उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा.
जनता के आक्रोश का करना पड़ा सामना
वहीं, पत्रकारों के तीखे सवाल पर भी विधायक कैमरे से बचते नजर आए. इनके काफिले में आम जनता का नामोनिशान तक नहीं था. सिर्फ ठेकेदार ही ठेकेदार नजर आ रहे थे. पिछले 15 सालों में यह पहला मौका था जब विधायक को इतने आक्रोश का सामना करना पड़ा है. स्थानीय लोगों ने कहा कि विधायक जब भी कभी बाढ़ आते हैं, तो कुछ खास लोगों से ही मिलकर चले जाते हैं. आम पब्लिक से इनका कभी कोई नाता नहीं रहा है.