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विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा की अपील, 'यह वक्त दौलत-शोहरत कमाने का नहीं, बल्कि मानवता की सेवा का'

बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कोरोना वैश्विक महामारी के बढ़ते संक्रमण पर अपनी गहरी चिंता जाहिर किया है. उन्होंने राज्य के मेडिकल से जुड़े लोगों से अपील की है कि- यह समय दौलत और शोहरत कमाने का नहीं है, बल्कि मानवता की सेवा करने और मानव जाति पर छाए विश्वव्यापी संकट से मानव जाति को निकालने का समय है.

विजय सिन्हा
विजय सिन्हा

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Published : Apr 15, 2021, 10:52 PM IST

पटना:बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कोरोना वैश्विक महामारी के बढ़ते संक्रमण पर अपनी गहरी चिंता जाहिर किया है. कोरोना पर उन्होंने कहा कि इस समय बिहार सहित पूरा देश कोरोना के दूसरे वेव के चपेट में है. यह महामारी बिहार में प्रत्येक दिन संक्रमण के अपने रिकाॅर्ड को तोड़ रही है. जिसके कारण क्या आम और क्या खास, सभी लोग बुरी तरह खतरे में हैं. प्रत्येक दिन लोगों की कोरोना से जान जा रही है.

विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि "हमें पिछले साल फैली इस बीमारी से सीख लेनी चाहिए था. इस बीमारी ने संपूर्ण मानव जाति के आचार-विचार, रहन-सहन एवं खान-पान को बदलने के लिए मजबूर कर दिया है. जिसकी वजह से युग परिवर्तन के पहले बड़े कठिनाईयों से लोगों को गुजरना पड़ रहा है."

कोरोना से जीतना होगा
इस बीमारी ने यह सिखाया है कि सात्विक जीवन शैली रखने वाले लोगों का इम्यून पावर प्रकृति मजबूत करती है. यह महामारी अब मानवता के लिए सबसे बड़ा महायुद्ध बन गयी है. जिसे हर हाल में हम सबको मिल कर जीतना ही होगा.

इस महामारी से मानव जाति को निकालने का समय
विजय सिन्हा ने कहा कि "समाज के सभी वर्गों के लोगों से कहा कि महामारी से लड़ने के लिए तन, मन और धन से अपना बहुमूल्य समाजसेवा में योगदान दें. राज्य के सभी मेडिकल से जुड़े लोगों से अपील की है कि यह समय दौलत और शोहरत कमाने का समय नहीं है, बल्कि मानवता की सेवा करने और मानव जाति पर छाये विश्वव्यापी संकट से मानव जाति को निकालने का समय है."

महामारी से लड़ने के लिए साकारात्मक वातावरण बनाएं
हम सब मिलकर समाज में महामारी से लड़ने के लिए परस्पर साकारात्मक वातावरण बनायें और फिर से हम हमारे पूर्वजों के उस विरासत को आगे बढ़ाएं. जिसमें आपदा-विपदा के समय सबलोग मिलकर एक-दूसरे को मदद करते रहे हैं. ऐसा कर न केवल हम अपने जीवन को सुरक्षित रख पायेंगे, बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी सुरक्षित जीवन का संदेश दे सकेंगे.

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