पटना: 'ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है', इसका परिचय देते हुए राजधानी के प्रशांत कुमार ने सभी के लिए मिसाल पेश की है. लूटपाट और ठगी की दुनिया में उन्होंने 10 हजार रुपये लौटा थाने में जमा करा दिए. दरअसल, जब वह एटीएम से पैसे निकालने पहुंचे तो वहां पहले से ही रुपये निकले हुए थे. जिसके बाद उन्होंने ईमानदारी दिखाते हुए उन पैसों को पुलिस थाने में जमा कर दिया.
स्टेनो प्रशांत कुमार का बयान प्रशांत कुमार पुराने सचिवालय में वित्त विभाग के संयुक्त सचिव पंकज कुमार सिन्हा के स्टेनो के हैं. रविवार को जब वह गांधी मैदान के पास बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम में पैसे निकालने गए तो वहां उन्हें 500 के 20 नोट मिले.
'किसी जरुरतमंद का आया ख्याल'
पेशे से स्टेनो प्रशांत बताते हैं कि जब उन्होंने रुपये देखे तो उन्हें किसी जरुरतमंद का ख्याल आया और वह तत्काल उस 10 हजार रुपये को लेकर थाने पहुंच गए. प्रशांत बताते हैं कि जब उन्होंने अपना एटीएम कार्ड मशीन में डाला तो देखा कि पहले से ही वहां 500 के 20 नोट बाहर निकले हुए हैं. इसके बाद उन्होंने गांधी मैदान थाने पहुंचकर इसकी शिकायत की.
अधिकारियों को सौंपे रुपये
प्रशांत बताते हैं कि थाने में उपस्थित अधिकारियों को उन्होंने सारी बात बताई और इसके संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई. हालांकि, बैंक से पड़ताल के बाद भी अभी तक जानकारी नहीं मिल पाई है कि रुपये किसके थे. बहरहाल, प्रशांत ने जो काम किया है वह वाकई सराहनीय है. इस लूट-खसोट की दुनिया में दूसरों की मदद के लिए आगे आने वाले लोग मानवीय मिसाल है.
प्रशांत कुमार मूल रूप से वैशाली जिले के राघोपुर के रहने वाले हैं. मौजूदा समय में वह जक्कनपुर थाना क्षेत्र स्थित चांदपुर बेला में रहते हैं. प्रशांत की इस ईमानदारी के कारण वित्त विभाग के तमाम अफसर उनकी तारीफ कर रहे हैं. इन दिनों यह काम पूरे विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है.