पटना: श्री गुरु गोविंद सिंह जी के 353वी जयंती का आयोजन काफी जोर शोर से चल रहा है. पटना साहिब स्थित तख्त श्री हरमंदिर साहिब गुरुद्वारे में रोजाना लाखों श्रद्धालु लंगर का प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं.
सुबह 7 बजे से रात के 12 बजे तक लंगर चालू रहता है. लंगर में तीनों टाइम अलग-अलग खाना बनाया जाता है. ईटीवी भारत ने लंगर के रसोई से लेकर पंगत तक का जायजा लिया. बता दें कि राज्य सरकार की ओर से तमाम व्यवस्थाएं की जा रही है. इसके बावजूद गुरुद्वारा कमेटी और अन्य कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने लंगर की व्यवस्था की है.
लुधियाना से आए अमरिंदर बताते हैं कि एक दिन के लंगर में रोजाना तकरीबन 5 लाख तक का खर्च आता है. उन्होंने कहा कि जालंधर गुरुद्वारा कमेटी की ओर से चलाया जा रहा है. सेवादार ने कहा कि लंगर में सभी खाने के सामान शुद्ध घी में बनाए जाते हैं. गुरुद्वारा कमेटी के अलावा भी कई तरह के अन्य स्वयंसेवी संस्थानों की ओर से दर्जनों लंगर चलाए जा रहे हैं. गुरुद्वारा कमेटी में चलाए जा रहे हैं. बता दें कि लंगर में रोजाना लाखों श्रद्धालु भोजन कर रहे हैं.
तख्त श्री हरमंदिर जी गुरुद्वारा CM नीतीश ने भी टेका मत्था
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी गुरुद्वारा में माथा टेका और अपने भाषण के दौरान लंगर की तारीफ की. उन्होंने कहा अमीर से लेकर गरीब परिवार के भोजन में लंगर जैसा स्वाद नहीं होता है.
पटना से ईटीवी भारत की रिपोर्ट लंगर की परंपरा आज भी जारी
लंगर की परंपरा सदियों पुरानी है. सिक्खों के गुरुओं की ओर से गरीबों को भोजन कराया जाता था. जिसके बाद यह लंगर की परंपरा शुरू हो गई. उन्होंने कहा कि आज भी प्रकाश उत्सव के बाद रोजाना तख्त हरमिंदर साहिब गुरुद्वारे में रोजाना लंगर की व्यवस्था होती है. लंगर के भोजन बनाने के लिए श्रद्धालु श्रमदान भी देते हैं. उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की ओर से भोजन बनाने से लेकर खिलाने और बर्तन साफ करने तक श्रम दान दिया जाता है. इस श्रमदान को सिख श्रद्धालु पवित्र मानते हैं.