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Nawada News: मां की चिता को आग देते ही बेटे की निकली जान, एक ही दिन दोनों की अंत्येष्टि

नवादा में एक ऐसी घटना सामने आई जिसे देखकर हर कोई हैरान है. यहां एक ही समय हुई मां-बेटे की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया है. मां से शख्स को इतना प्यार था कि उसके जाने गम वो बर्दाश्त नहीं कर सका और मां के निधन के बाद बेटे की मौत भी हो गई. आगे पढ़ें पूरी खबर...

नवादा में मां की चिता को आग देते ही बेटे की मौत
नवादा में मां की चिता को आग देते ही बेटे की मौत

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Published : Jun 15, 2023, 8:54 AM IST

नवादा: बिहार के नवादा में मां की चिता में आग पड़ते ही पुत्र की मौत हो गई है, घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया है. दरअसल जिले के हिसुआ कंचनबाग निवासी 80 साल की वृद्धा यशोदा देवी की मौत की खबर सूनकर उसका बेटा 55 वर्षीय अवधेश प्रसाद सदमे में चल गया. इसी सदमे में उसकी मौत हो गई. उसकी मां की मौत के बाद तिलैया नदी घाट पर चिता को आग दिया गया, जिसके एक घंटे के अंदर ही उसकी मौत हो गई. सभी लोग इसे आश्चर्य मान रहे हैं और हतप्रभ है कि यह कैस हो गया.

पढ़ें-Bagaha News: मां के निधन का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सका बेटा, दोनों का एक साथ हुआ अंतिम संस्कार

मां के चिता के दाह-संस्कार के बाद बिगड़ी तबीयत: घटना बुधवार के सुबह की है, जब मां के मृत्यु के बाद पुत्र अवधेश प्रसाद के घर परिवार में सारे रिश्तेदार आए हुए थे. वृद्धा की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए सभी रिश्तेदार पहुंचने लगे. इतने में अवधेश गुप्ता ने कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं लग रही. हालांकि किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. वह किसी प्रकार नदी घाट भी गए और मां के चिता पर लकड़ी भी दी, उसके बाद वह घाट से बाहर आ गए. अवधेश प्रसाद जब हिसुआ पांचू चौक पहुंचे तब वो बेहोश हो गए. परिजन उन्हें हिसुआ अस्पताल ले गए जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया.

एक हीं दिन हुआ मां-बेटे का अंतिम संस्कार:मृतक अवधेश प्रसाद के पुत्र गोपी कुमार ने बताया कि दादी के निधन की खबर के बाद पापा की तबीयत ठीक नहीं लग रही थी. हमलोगों को पता नहीं चला कि उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो रही और वो सदमे में हैं. वो किसी प्रकार तिलैया नदी घाट पर जाकर लेट गए. जब चिता की आग देकर वापस लौटने लगे तो पांचू चौक पर वो बेहोश होकर गिर पड़े, जिसके बाद अस्पताल लाने पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. स्थानीय लोगों ने इसके बाद फिर से दूसरी अर्थी बनाई और एक ही दिन पुत्र का भी अंतिम संस्कार कर दिया.

"दादी के निधन की खबर के बाद पापा की तबीयत ठीक नहीं लग रही थी. हमलोगों को पता नहीं चला कि उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो रही और वो सदमे में हैं. वो किसी प्रकार तिलैया नदी घाट पर जाकर लेट गए. जब चिता की आग देकर वापस लौटने लगे तो पांचू चौक पर वो बेहोश होकर गिर पड़े, जिसके बाद अस्पताल लाने पर डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया."-गोपी कुमार, मृतक का पुत्र

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